सिंधू की हार को नाकामी नहीं मान सकता : गोपीचंद
गोपीचंद ने कहा, 'अगर प्रक्रिया सही है तो मैं एक हार को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं होता। '
नई दिल्ली, प्रेट्र। पुलेला गोपीचंद की पहचान भले ही एक कठोर कोच के रूप में हो, लेकिन उनका मानना है कि ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधू की हार को एक फीसद भी उनकी नाकामी नहीं माना जा सकता।
गोपीचंद ने कहा, 'अगर प्रक्रिया सही है तो मैं एक हार को लेकर ज्यादा चिंतित नहीं होता। हम यहां बेहद उच्च स्तरीय खिलाड़ी की बात कर रहे हैं, दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी की। ऐसा नहीं है कि हमारे यहां हमेशा से दुनिया के नंबर एक खिलाड़ी निकलते हैं। दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी ताइ जू अच्छा खेल रही है, लेकिन सिंधू ने उसे ओलंपिक में हराया। वह विश्व चैंपियनशिप फाइनल में भी पहुंची। कुछ लोग कह सकते हैं कि उप विजेता रहना अच्छा नहीं, लेकिन मेरी सोच सकारात्मक है।'
सिंधू को विश्व चैंपियनशिप फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा ने हराया। इसके बाद हांगकांग ओपन फाइनल में वह ताइ जू से हारीं और दुबई सुपर सीरीज फाइनल में दुनिया की दूसरे नंबर की खिलाड़ी अकाने यामागुची से हार गईं।
गोपीचंद ने कहा कि इस साल मुख्य लक्ष्य राष्ट्रमंडल और एशियाई खेलों में अच्छा प्रदर्शन होगा। उनके मुताबिक, भारत को बेहतर ढांचे और कोचों की जरूरत है ताकि विश्व स्तरीय खिलाड़ी पैदा किए जा सकें। गोपीचंद ने कहा, 'भारतीय बैडमिंटन को देखें तो संख्या की कमी नहीं, लेकिन कोई श्रीकांत बनेगा या नहीं, इसके लिए हमें बेहतर ढांचे और व्यवस्थित प्रक्रिया की जरूरत है।' डबल के बारे उन्होंने स्वीकार किया कि प्रदर्शन में निरंतरता का अभाव है। उन्होंने कहा, 'कभी- कभार अच्छा प्रदर्शन देखने को मिल रहा है, लेकिन लगातार नहीं, अभी बहुत मेहनत करनी होगी।'