Simranjit Kaur Interview: देश के लिए ओलंपिक में पदक जीतना है सपना
Simranjit Kaur Interview देश के लिए ओलंपिक में पदक जीतने का सपना संजोए जमकर तैयारियां कर रहीं सिमरनजीत कौर ने दैनिक जागरण को दिए इंटरव्यू में कुछ अहम मुद्दों पर बात की जिनमें ओलंपिक में मेडल जीतने का सपना भी शामिल है।
मुक्केबाजी में पंजाब की ओर से ओलंपिक कोटा हासिल करने का गौरव प्राप्त करने वालीं पहली महिला बनीं सिमरनजीत कौर ने टोक्यो में देश के लिए पदक जीतने की दावेदारी पेश कर दी है। इसके लिए वे खास तैयारियां कर रही हैं। 16 साल की उम्र में बॉक्सिंग के क्षेत्र में उन्होंने कदम रखा था। लॉकडाउन की वजह से ट्रेनिंग करने का मौका कम मिला है। टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों समेत तमाम मुद्दों पर सिमरनजीत कौर से दैनिक जागरण के विकाश गौड़ ने खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश :-
सवाल- पंजाब की आप पहली महिला मुक्केबाज हैं, जिन्होंने ओलंपिक कोटा हासिल किया है, इस बारे में आपका क्या कहना है?
जवाब - मुझे ये सोच कर गर्व महसूस होता है कि मैं पंजाब की पहली फीमेल बॉक्सर हूं, जिसे ओलंपिक में खेलने का मौका मिलेगा। ओलंपिक में खेलना हर एक एथलीट का सपना होता है। मैं ये मानती हूं कि हर एक इंसान को बड़ा सोचना चाहिए और उसका सपना बड़ा होना चाहिए और इसके लिए उसे मेहनत करनी चाहिए। बड़ा सोचेगे और मेहनत करोगे तो परिणाम भी सकारात्मक मिलेगा।
सवाल - आपकी ओलंपिक की तैयारियां कैसी चल रही हैं?
जवाब - ओलंपिक खेलों की तैयारी जोर-शोर से चल रही है। किसी भी प्रकार की कोई चूक हम नहीं छोड़ रहे हैं। ट्रेनिंग से लेकर हर एक चीज पर मैं ध्यान दे रही हूं। टूर्नामेंट को लेकर मैं सकारात्मक हूं और मैं इसे गंभीरता से ले रही हूं। मैं चाहती हूं कि मैं भारत के लिए पदक लेकर आऊं। जो मेरी कमियां हैं उन पर काम कर रही हूं,ताकि मेरे विरोधी को कोई मौका न मिले।
सवाल - क्या कोविड-19 ने कोई परेशानी खड़ी की है आपके लिए?
जवाब - ये समय हम सभी के लिए बड़ा अलग सा था, लेकिन ओलंपिक कोटा हासिल करने का बाद मुझे खुद पर काम करने के लिए समय मिल गया है। मैंने कोविड के समय का उपयोग अच्छी तरह से किया है।
सवाल - ओलंपिक खेल स्थगित होने से क्या कोई नुकसान हुआ है?
जवाब - ओलंपिक खेलों का एक साल के लिए स्थगित होना मेरे लिए मुझे लगता है कि फायदेमंद साबित हुआ है, क्योंकि मुझे इसकी तैयारी करने के लिए भरपूर मौका मिला है। इस दौरान मैंने बहुत मेहनत की और अपनी कमजोरियों को दूर करने पर जोर दिया है।
सवाल- मेरी कॉम से क्या कुछ सीखने को मिलता है?
जवाब- वो एक महान बॉक्सर हैं। हम कैंप में उनके साथ ही प्रैक्टिस करते हैं। उनके साथ काम करना बहुत बड़ी बात है। उनको देखकर ही हमें बहुत कुछ सीखते हैं। वे हमारे लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं। ट्रेनिंग के दौरान वो हमें पास आकर बहुत सारी चीजों के बारे में बताती रहती हैं। उनके साथ काम करना बहुत खुशी की बात है और उन्होंने देश के लिए बहुत सारे मेडल जीते हैं। वे पहली महिला मुक्केबाज हैं, जिन्होंने ओलंपिंक में मेडल जीता है।
सवाल - 'Impossible Is Nothing' कैंपेन के बारे में कुछ बताईये?
जवाब - एडिडास का ये कैंपेन हमें सिखाता है कि परिस्थिति चाहे जैसी भी हो हमें पॉजिटिव रहना चाहिए और अपने काम पर ध्यान देना चाहिए। इसी के जरिए हम अपने सपने को साकार कर सकते हैं। मेरे लिए Impossible Is Nothing का मतलब अपने भविष्य के बारे में देखना और उन सपनों को हासिल करना है। मैंने अपनी जिंदगी में ये चीज देखी है कि एक महिला ओलंपिक में बॉक्सिंग में देश का प्रतिनिधित्व कर सकती है तो एक और फीमेल ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर सकती है। साथ ही साथ इससे अन्य महिलाओं को भी हौसला मिलेगा कि वो भी ओलंपिक में खेल सकती हैं और मेडल जीत सकती हैं।
सवाल - बॉक्सिंग के क्षेत्र में कैसे आना हुआ?
जवाब - मेरी बड़ी बहन और मेरे दो छोटे भाई दोनों बॉक्सर हैं, मेरी मां ने हमें बॉक्सिंग स्पोर्ट्स में डाला था। मैं बॉक्सिंग नहीं करती थी, लेकिन मेरी मां ने मुझे फोर्स किया कि तुम भी बॉक्सिंग करो। तुम भी देश के लिए मेडल जीत सकती हो। मैंने मां के ही कहने पर बॉक्सिंग शुरू की और अब जब भी मैं कोई पदक जीतकर आती हूं तो उनके चेहरे पर एक अलग खुशी होती है। ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने तक मेरी मां मेरे लिए सबसे बड़ी प्रेरणा रही हैं।