SGFI ने राज्य सरकारों को लगाया करोड़ों का चूना, विद्यार्थियों को विदेश में खिलाने का दिया था झांसा
2013-14 से 2017-18 के दौरान एसजीएफआइ ने दिल्ली के विद्यार्थियों को विदेश में खिलाने के नाम पर करोड़ों रुपये लिए हैं।
नई दिल्ली, अभिषेक त्रिपाठी। विद्यार्थियों को अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में खिलाने के नाम पर निलंबित स्कूल गेम्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसजीएफआइ) ने दिल्ली सहित कई राज्य सरकारों को करोड़ों रुपये का चूना लगाया है। केंद्रीय खेल मंत्रालय ने अनियमितताओं के कारण पहले ही एसजीएफआइ को अगले आदेश तक निलंबित किया है। सूत्रों के अनुसार दिल्ली के अलावा छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात में भी इस तरह का खेल हुआ है।
दैनिक जागरण के पास मौजूद दस्तावेजों के अनुसार दिल्ली सरकार ने एसजीएफआइ को अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में अपने राज्य के स्कूली बच्चों को खिलाने के लिए करीब साढ़े छह करोड़ रुपये दिए। दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने पिछले तीन साल में सात बार पत्र लिखकर इसका हिसाब मांगा, लेकिन एसजीएफआइ ने एक बार भी उसका जवाब नहीं दिया।
दिल्ली सरकार ने एसजीएफआइ को अपने बच्चों को प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए खर्च के तौर पर प्रति बच्चे के हिसाब से भुगतान किया। एसजीएफआइ ने अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में प्रति बच्चे को खिलाने के लिए राज्य सरकार से 2.5 लाख, एशियन प्रतियोगिताओं में खिलाने के लिए दो लाख और भारत में होने वाली प्रतियोगिताओं के लिए एक लाख रुपये लिए।
दिल्ली सरकार के अधिकारियों ने खर्चे का बिल देने, बच्चों के नहीं जाने पर पैसे वापस करने के लिए सात बार पत्र लिखे, लेकिन एसजीएफआइ के कानों पर जूं नहीं रेंगी। सबसे पहले 2018 में दिल्ली सरकार की शिक्षा उपनिदेशक (खेल) आशा अग्रवाल ने एसजीएफआइ के सचिव राजेश मिश्रा से प्रति विद्यार्थी पर खर्च हुए पैसों की जानकारी मांगी थी, फिर 2018 में ही दिल्ली सरकार के सहायक शिक्षा उपनिदेशक (खेल) प्रदीप तायल ने पत्र लिखा।
इसके बाद आशा अग्रवाल ने पिछले साल चार बार फिर से पैसा लौटाने और खर्चो को लेकर जानकारी मांगी। इस साल जून में भी दिल्ली सरकार के अनुभाग अधिकारी (खेल) संजीत सांगवान ने एसजीएफआइ को पत्र लिखा, लेकिन सरकार को कोई जवाब नहीं मिला। दिल्ली सरकार ने एसजीएफआइ से कहा था कि जो पैसा खर्च हुआ है, उसका बिल दें और बाकी पैसे वापस करें।
एसजीएफआइ के सहायक सचिव कन्हैया गुर्जर ने कहा कि उनके संगठन ने घोटाला किया है। एसजीएफआइ के सचिव राजेश मिश्रा को फ्लाइट टिकट, वीजा, खाने और बाकी खर्चो के बिल राज्य सरकारों को देने थे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कुछ मामलों में तो ऐसा भी हुआ है कि जिन बच्चों के नाम पर पैसा लिया गया वे विदेश गए ही नहीं और उनके पैसे को वापस भी नहीं किया गया।
जब एसजीएफआइ सचिव राजेश मिश्रा से फोन पर बात करने की कोशिश की गई तो कोई जवाब नहीं मिला। एसजीएफआइ के अध्यक्ष और ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार से जब इस बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इस मामले की पूरी जानकारी करके मैं आपको बताता हूं। खास बात यह है कि सुशील कुमार दिल्ली सरकार में शिक्षा विभाग में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (ओएसडी) के पद पर तैनात हैं।
इन टूर्नामेंट के लिए दिल्ली सरकार ने दिए पैसे
टूर्नामेंट, साल, अवधि, स्थल, राशि
जिम्नासाइड, 2013, 27 नवंबर से चार दिसंबर, ब्राजील, 1250000
चौथी एशियन स्कूल वॉलीबॉल चैंपियनशिप, 2014, 17 से 27 अगस्त, थाइलैंड, 500000
सातवीं एशियन स्कूल बास्केटबॉल चैंपियनशिप, 2015, चार से 14 मार्च, थाइलैंड, 700000
विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप, 2015, 27 जून से दो जुलाई, थाइलैंड, 700000
आइएसएफ बेसबॉल चैंपियनशिप (टूर्नामेंट रद हुआ, पैसे नहीं लौटाए गए), 2015, 18 से 25 अक्टूबर, बोका चिका, 3000000
एशियन तैराकी और फुटबॉल चैंपियनशिप, 2016, 25 से 30 मई और 20 से 30 मई, इंडोनेशिया और कोरिया, 1800000
आइएसएफ जिम्मनास्टिक, 2016, 11 से 18 जुलाई, तुर्की, 8500000,
टेटे और रग्बी चैंपियनशिप, 2016, 12 से 19 अगस्त और 22 से 27 जुलाई, सिंगापुर और चीन, 1400000
आइएसएफ डब्ल्यूएससी तैराकी चैंपियनशिप, 2017, 20 से 25 अप्रैल, हंगरी, 300000
विश्व कॉबैट गेम्स और एथलेटिक्स चैंपियनशिप, 2017, सात से 15 जुलाई और 24 से 30 जून, भारत, फ्रांस, 3000000
पैसेफिक गेम्स, 2017, तीन से नौ दिसंबर, ऑस्ट्रेलिया, 16250000
पैसेफिक गेम्स, 2015, 21 से 29 नवंबर, ऑस्ट्रेलिया, 23400000
बैडमिंटन चैंपियनशिप, 2016, 28 मार्च से तीन अप्रैल, माल्टा, 2500000
विश्व स्कूल टेटे चैंपियनशिप, 2016, दो से आठ अप्रैल, इजराइल, 1000000
नोट : सभी राशि रुपये में हैं।