18 साल की उम्र में नौ सेना में भर्ती हुए संजीव, रिटायर होने के बाद ओलंपिक गोल्ड पर है निशाना
महज 18 साल की उम्र में संजीव नौ सेना में भर्ती हुए थे और 2014 में जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर के तौर पर सेवानिवृत हुए। साल 2011 में भारत के लिए निशानेबाजी विश्व कप में गोल्ड मेडल जीतकर संजीव ने जो कामयाबी का सफर शुरू किया वो अब तक जारी है।
भारत के स्टार निशानेबाजों की सूची में संजीव राजपूत का नाम शामिल है। 40 वर्षीय संजीव का जन्म हरियाणा के यमुनानगर में 5 जनवरी 1981 को हुआ था। बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखने वाले संजीव के पिता कभी खाने का ठेला लगाकर बेटे को पालने के लिए पूड़ी बेचा करते थे। कड़ी मेहनत से ना सिर्फ संजीव ने भारतीय नौ सेना में भर्ती होने का सपना पूरा किया बल्कि देश के लिए निशानेबाजी में कई मेडल भी जीते। इंडियन नेवी में बतौर मास्टर चीफ पेटी ऑफिसर-2 का कर चुके इस भारत के सपूत से टोक्यो ओलंपिक में पदक की उम्मीद है।
महज 18 साल की उम्र में संजीव नौ सेना में भर्ती हुए थे और 19 साल सेवा देने के बाद 2014 में जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर के तौर पर सेवानिवृत हुए। साल 2011 में भारत के लिए निशानेबाजी विश्व कप में गोल्ड मेडल जीतकर संजीव ने जो कामयाबी का सफर शुरू किया वो अब तक जारी है। टोक्यो ओलंपिक में भारत की झोली में गोल्ड जीत तिरंगा लहराना इस निशानेबाज का सपना है।
संजीव की उपलब्धियां
निशानेबाजी विश्व कप
2011 गोल्ड मेडल (50 मीटर थ्री पोजिशन)
2010 में सिल्वर मेडल (10 मीटर एयर राइफल)
2016 में सिल्वर मेडल (50 मीटर थ्री पोजिशन)
2019 में सिल्वर मेडल (50 मीटर थ्री पोजिशन)
2021 में गोल्ड मेडल (50 मीटर थ्री पोजिशन)
कॉमनवेल्थ गेम्स
2006 में कांन्स पदक (50 मीटर थ्री पोजिशन)
2014 में सिल्वर मेडल (50 मीटर थ्री पोजिशन)
2018 में गोल्ड मेडल (50 मीटर थ्री पोजिशन)
एशियन गेम्स
2018 में सिल्वर मेडल (50 मीटर थ्री पोजिशन)
संजीव की शानदार कामयाबी को सराहते हुए भारत सरकार ने 2010 में अर्जुन अवार्ड से सम्मानित किया था।