साई ने चयन के लिए बनाए नए नियम, जिम्नास्ट हुए परेशान
दोहा में होने वाली प्रतियोगिता के लिए ट्रायल पिछले सप्ताह होने थे लेकिन साई ने इसे 29 और 30 सितंबर को कराने का आदेश दिया था।
नई दिल्ली। ब्यूरो 48वीं आर्टिस्टिक विश्व चैंपियनशिप के लिए ट्रायल के लिए आए भारतीय जिम्नास्ट उस समय चकरा गए, जब भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) की ओर से उन्हें बताया गया कि ट्रायल का आधार उनकी व्यक्तिगत स्पर्धा पर नहीं बल्कि ओवरऑल प्रदर्शन के आधार पर होगा। दोहा में होने वाली प्रतियोगिता के लिए ट्रायल पिछले सप्ताह होने थे लेकिन साई ने इसे 29 और 30 सितंबर को कराने का आदेश दिया था। जिम्नास्ट तब और भी चौंक गए जब उन्हें पता चला कि चयन ओवरऑल रिजल्ट के आधार पर होगा जिसमें महिलाओं के लिए चार स्पर्धा और पुरषों के लिए छह स्पर्धा शामिल हैं।
एक जिम्नास्ट ने नाम नहीं बताने की शर्त पर बताया कि हमें यहीं आकर पता चला कि चयन इस आधार पर होगा। आमतौर पर हमें एक महीने पहले पत्र मिल जाता है, लेकिन इस बार हमें एक सप्ताह पहले चयन का पत्र मिला। यहां भी यह बात नहीं बताई गई कि किस आधार पर ट्रायल होगा। अब हमारे पास तैयारियों का वक्त नहीं है। मैंने तीन स्पर्धा के लिए तैयारी की थी। टीम स्पर्धा के लिए यहां तीन पुरुष और तीन महिला हैं, लेकिन वह सिर्फ चार एथलीटों का चयन करेंगे। तो समझ नहीं आ रहा है कि वह क्यों ऑलराउंड आधार पर चयन कर रहे हैं, जब यहां कोई टीम नहीं है। मुझे यह समझ नहीं आ रहा है।
भारतीय जिम्नास्टिक संघ के उपाध्यक्ष रियाज अहमद भाटी भी इस चयन प्रक्रिया से चौंक गए। साई की ओर से उन्हें शुक्रवार को यह पत्र मिला। वह इस बात से भी चौंक गए कि कौशिक बेदीवाला के स्थान पर उन्हें चयन समिति में डाल दिया गया। भाटी ने कहा कि साई ने बेहद ही कम समय में मेरा नाम चयन समिति में डाल दिया। इसके लिए उन्होंने मुझसे पूछा तक नहीं। साई अब हमारी मदद कर रहा है लेकिन यह चीजें बहुत देरी से हुई। जिम्नास्टों को तैयारी करने का बेहद कम समय मिला है। यह अच्छे तरीके से व्यवस्थित किया जा सकता था। चोट के कारण दीपा कर्माकर का इस चैंपियनशिप में खेलना पक्का नहीं है। वहीं आशीष कुमार और अरणा बुददा रेड्डी पहले ही इस चैंपियनशिप से अपना नाम वापस ले चुके हैं।