Exclusive: रवि दहिया का खुलासा, बताया- क्या है टोक्यो ओलंपिक के लिए उनका प्लान
Jagran Exclusive भारतीय पहलवान रवि दहिया ने बताया है कि टोक्यो में होने वाले अगले ओलंपिक गेम्स के लिए उनका क्या प्लान है।
नई दिल्ली, योगेश शर्मा। हमेशा शांत दिखने वाले भारतीय पहलवान रवि दहिया जब कजाखिस्तान के नूर-सुल्तान में विश्व चैंपियनशिप में पहली बार खेलने उतरे तो उनकी बस इतनी सी चाहत थी कि वह पदक जीतकर कुश्ती के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लें, लेकिन किस्मत तो उनकी कुछ और ही चाहती थी और वह इस चैंपियनशिप में कांस्य पदक के साथ देश को ओलंपिक कोटा दिलाने में भी सफल हुए। 22 वर्षीय हरियाणवी पहलवान रवि से खास बातचीत के मुख्य अंश:
प्रश्न : विश्व चैंपियनशिप के लिए आपने क्या तैयारियां की थीं और सबसे ज्यादा किस पर ध्यान दिया?
रवि : मैं कई सालों से इस चैंपियनशिप के लिए कड़ी मेहनत कर रहा था। मैं जब इस चैंपियनशिप में खेलने गया तो मेरे दिमाग में बस यहीं था कि जो सीखा है, उसे मैट पर विपक्षी पहलवान के खिलाफ करूं और इसमें कुछ हद तक करने में सफल रहा।
प्रश्न : सेमीफाइनल की हार को आप किस तरह देखते हैं और क्या कमी रह गई जो आप मैच नहीं जीत पाए?
रवि : मुझे लगता है कि सेमीफाइनल में विपक्षी पहलवान काफी मजबूत था। कुछ चीजों में कमी रह गई जिसके कारण मुझे हार मिली। मुझसे कोच ने कहा कि यह तो शुरुआत है और आगे और भी टूर्नामेंट है इसलिए हार पर ज्यादा ध्यान नहीं दो और अपने खेल में सुधार कराना जारी रखो। मुझे इस चैंपियनशिप में काफी कुछ सीखने को मिला।
प्रश्न : जब आप सेमीफाइनल में उतरे तो इस मैच के लिए कोई खास रणनीति थी?
रवि : ऐसे तो हमने कोई रणनीति नहीं बनाई थी। मेरे दिमाग में बस यही आया था कि सबसे ब़़डी चीज ओलंपिक कोटा हमें मिल गया है और अब खोने के लिए कुछ नहीं है। मुझे अपना 100 प्रतिशत देना है और किसी भी हाल में यह मैच जीतना है तो मैं यह करने में सफल रहा।
प्रश्न :आपने कब से कुश्ती की शुरुआत की और आपके अब के सफर में किसका योगदान है?
रवि : मैं जब सात साल का था तब मेरे पिता मुझे लेकर छत्रसाल स्टेडियम आ गए। तभी से मैं सतपाल, सुशील, वीरेंद्र सभी ने मेरे खेल को सुधारने में अहम योगदान दिया। जगमिंदर कोच भी काफी मदद करते हैं। इस चैंपियनशिप के बाद मुझे अपने खेल में सुधार करना है। मुझे अपने डिफेंस पर काम करना है।
प्रश्न : टोक्यो ओलंपिक के शुरू होने में अब ज्यादा समय नहीं है तो इसके लिए क्या खास तैयारी करेंगे?
रवि : मैंने अभी आगे का कुछ नहीं सोचा है। जब मैं दिल्ली आ आऊंगा तो फिर फैसला करेंगे कि आगे क्या करना है। टोक्यो ओलंपिक में जापानी पहलवानों को हराना इतना आसान नहीं होगा क्योंकि वे अपने घर में खेल रहे होंगे।