वॉलीबॉल संघ चुनाव: आइओए और अंतराष्ट्रीय वॉलीबॉल संघ के दाव से राम अवतार सिंह जाखड़ पस्त
Volleyball Association Elections वीएफआइ तब विवादों में आया था जब उसने प्रो वॉलीबॉल लीग के लिए बेसलाइन वेंचर्स के साथ अचानक अपना करार तोड़ दिया था
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। Volleyball Association Elections: भारतीय वॉलीबॉल महासंघ (वीएफआइ) में विवादों का सिलसिला जारी है और अब इसके अध्यक्ष एस. वासुदेवन और महासचिव रामअवतार सिंह जाखड़ पदाधिकारियों के चुनावों को लेकर ही आमने-सामने आ गए हैं। हालत यह है कि वासुदेवन के चुनाव की घोषणा करने के बाद जाखड़ ने अलग तारीख पर चुनाव कराने की तैयारी कर ली लेकिन भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) और अंतरराष्ट्रीय वॉलीबॉल महासंघ (एफआइडीवी) ने उस पर पानी फेर दिया है।
वीएफआइ तब विवादों में आया था जब उसने प्रो वॉलीबॉल लीग के लिए बेसलाइन वेंचर्स के साथ अचानक अपना करार तोड़ दिया था और उसे फ्रेंचाइजियों सहित वेंचर्स के कानूनी नोटिसों का सामना करना पड़ रहा है। हाल ही में महासंघ के अध्यक्ष एस. वासुदेवन ने 15 मार्च को चेन्नई में आम सभा कराने की घोषणा की थी जिसमें सभी पदाधिकारियों के चुनाव होने हैं। इसके लिए न्यायाधीश (सेवानिवृत्त) आरए सिंह को चुनाव अधिकारी भी नियुक्त किया गया गया लेकिन महासचिव रामवतार सिंह जाखड़ ने शुक्रवार को राजस्थान के चितौड़गढ़ में आम सभा करके 12 मार्च को जयपुर में चुनाव कराने की घोषणा कर दी।
आइओए और अंतरराष्ट्रीय वॉलीबॉल महासंघ अब वासुदेवन के साथ खड़ा है। आइओए ने 15 मार्च को होने वाले चुनाव के लिए अपना पर्यवेक्षक भेजने का भी फैसला किया है। इसके अलावा एफआइडीवी भी आइओए के साथ है। एफआइडीवी के महानिदेशक फेबियो एजवेडो ने आइओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा को ईमेल लिखकर 15 मार्च के चुनाव को लेकर अपनी सहमति भी दे दी है। एफआइडीवी की ओर से बत्रा को कहा गया है कि हमने वीएफआइ के अध्यक्ष वासुदेवन के चुनाव को लेकर जारी किए नोटिस को स्वीकार कर लिया है। हम आइओए के पर्यवेक्षक से संतुष्ट हैं और वीएफआइ के चुनाव को लेकर आइओए के अध्यक्ष के फैसले को स्वीकार करेंगे। हमें पिछले साल नवंबर के बाद से वीएफआइ के संविधान में हुए संशोधन को लेकर कोई सूचना नहीं मिली है इसलिए हम वीएफआइ का चुनाव 2014 के संविधान के अंतर्गत होना स्वीकारते हैं।
इससे पहले जाखड़ की अगुआई में वीएफआइ ने 12 मार्च को चुनाव कराने को लेकर फैसला किया था। जाखड़ गुट की तरफ से कहा गया था कि वीएफआइ की कार्यकारी समिति ने न्यायमूर्ति वी.एस. सिराधना (सेवानिवृत्त) को चुनाव अधिकारी बनाया है। न्यायमूर्ति वी.एस. सिराधना ने चुनाव को लेकर अधिसूचना भी जारी कर दी। कार्यकारी समिति ने वासुदेवन द्वारा घोषित चुनाव को अवैध और शून्य करार दिया था। उनकी तरफ से कहा गया था कि महासचिव और कार्यकारी समिति के परामर्श के बिना ही अध्यक्ष ने फैसला ले लिया।