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पीवी सिंधू ने रचा इतिहास, ओकुहारा को हराकर पहली बार जीता वर्ल्ड टूर फाइनल्स का खिताब

सिंधु इससे पहले इस वर्ष पांच टूर्नामेंट्स के फाइनल में पहुंची थी लेकिन उन्हें हर बार हार का सामना करना पड़ा था।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Sun, 16 Dec 2018 12:01 PM (IST)Updated: Wed, 19 Dec 2018 10:50 AM (IST)
पीवी सिंधू ने रचा इतिहास, ओकुहारा को हराकर पहली बार जीता वर्ल्ड टूर फाइनल्स का खिताब
पीवी सिंधू ने रचा इतिहास, ओकुहारा को हराकर पहली बार जीता वर्ल्ड टूर फाइनल्स का खिताब

ग्वांगझू। भारत की पीवी सिंधु ने रविवार को धमाकेदार प्रदर्शन करते हुए वर्ल्ड टूर फाइनल्स का खिताब अपने नाम किया। सिंधू ने इस खिताब को जीतकर इतिहास रच दिया, क्योंकि वो इस टूर्नामेंट को जीतने वाली पहली भारतीय हैं। सिंधु ने खिताबी मुकाबले में जापान की नोजोमी ओकुहारा को सीधे गेम में मात देते हुए ये टूर्नामेंट जीता।सिंधू ने 21-19 और 21-17 से ओकुहारा को शिकस्त दी। ये सिंधू के करियर का 14वां खिताब है।

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काफी समय से बड़े टूर्नामेंटों के फाइनल में जीत दर्ज करने में नाकाम रही सिंधू ने जश्न के आंसुओं के साथ राहत की सांस ली। सिंधु ने वर्ल्ड नम्बर-5 ओकुहारा को एक घंटे और दो मिनट तक चले मैच में मात दी। पहले गेम में ओकुहारा ने कुछ गलतियां की जिससे सिंधू ने बढ़त बनाई। सिंधू ने कुछ अच्छे ड्राप शॉट लगाए और नेट पर अच्छे अंक जुटाकर 7-3 की बढ़त बनाई लेकिन ओकुहारा ने स्कोर 5-7 कर दिया। सिंधू ने हालांकि लंबी रैली में दबदबा बनाया और वह ब्रेक तक 11-6 से आगे थी।

ओकुहारा ने इसके बाद वापसी की और 16-16 के स्कोर पर बराबरी हासिल कर ली। जापान की खिलाड़ी एक समय 6-14 से पीछे थी लेकिन अगले 12 में से 10 अंक जीतकर स्कोर बराबर करने में सफल रहीं।

ओकुहारा ने हालांकि इसके बाद दो स्मैश बाहर मारकर सिंधू को 19-17 से बढ़त बनाने का मौका दिया। सिंधू को इसके बाद तीन गेम प्वाइंट मिले। ओकुहारा ने दो गेम प्वाइंट बचाए लेकिन सिंधू ने शानदार ड्राप शाट के साथ पहला गेम जीत लिया।

दूसरे गेम में भी सिंधू ने ओकुहारा को लंबी रैली में उलझाकर 6-4 की बढ़त बनाई लेकिन जापान की खिलाड़ी ने 7-7 पर बराबरी हासिल कर ली।

सिंधू हालांकि ब्रेक तक 11-9 की बढ़त बनाने में सफल रही। ओकुहारा ने 12-13 और फिर 16-17 के स्कोर से सिंधू पर दबाव बनाए रखा।

ओकुहारा ने नेट पर शाट उलझाकर सिंधू को 18-16 की बढ़त बनाने का मौका दिया। सिंधू ने लंबी रैली का अंत स्मैश के साथ करते हुए स्कोर 19-16 किया।

सिंधू ने 19-17 के स्कोर पर नेट पर भाग्यशाली अंक के साथ तीन मैच प्वाइंट हासिल किए और फिर तुरंत अगला अंक जीतकर गेम, मैच और खिताब अपने नाम किया।

सिंधु इससे पहले इस वर्ष पांच टूर्नामेंट्स के फाइनल में पहुंची थी लेकिन उन्हें हर बार हार का सामना करना पड़ा था। सिंधु इस साल जिन स्पर्धाओं के फाइनल में पराजित हुई, उनमें विश्व चैंपियनशिप, कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियाई गेम्स प्रमुख रूप से शामिल हैं।

लगातार तीसरी बार वर्ल्ड टूर फाइनल्स में खेल रही सिंधू को पिछले साल जापान की ही अकाने यामागुची के खिलाफ शिकस्त के साथ रजत पदक से संतोष करना पड़ा था लेकिन इस बार वह एक घंटे और दो मिनट चले मुकाबले में ओकुहारा को 21-19 21-17 से हराकर खिताब जीतने में सफल रहीं।

साइना नेहवाल 2011 में विश्व सुपर सीरीज फाइनल्स के फाइनल में पहुंची थी जबकि 2009 में ज्वाला गुट्टा और वी दीजू की जोड़ी मिश्रित युगल में उप विजेता रही थी।

ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप की रजत पदक विजेता सिंधू ने अहम मौकों पर धैर्य बरकरार रखा और अधिकांश समय जापान की खिलाड़ी पर बढ़त बनाए रखी।

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