प्रो कबड्डी लीग को आज मिलेगा नया चैंपियन, इन दोनों टीमों के बीच है महामुकाबला
Pro Kabaddi League 2019 Final Dabang Delhi vs Bengal Warriors आज प्रो कबड्डी लीग के सातवें सीजन का फाइनल दबंग दिल्ली और बंगाल वॉरियर्स के बीच होना है।
कोलकाता, विशाल श्रेष्ठ। Pro Kabaddi League 2019 Final: तीन महीने तक चले कड़े मुकाबले के बाद आखिरकार फैसले का दिन आ गया है। आज यानि शनिवार को प्रो कबड्डी लीग (पीकेएल) को नया चैंपियन मिल जाएगा। एक तरफ दिल्ली के दबंग हैं तो दूसरी तरफ बंगाल के वारियर्स। दोनों की निगाहें अपने पहले खिताब पर हैं।
अहमदाबाद का एका एरिना स्टेडियम भी इस आखिरी जंग के लिए तैयार है। आंकड़ों पर गौर करें तो इसे बराबरी का मुकाबला कहा जा सकता है। दोनों टीमें पीकेएल के इतिहास में अब तक 14 बार भिड़ी हैं और 6-6 मैच जीती हैं। दो मैच टाई रहे हैं। हालांकि मौजूदा सत्र के लिहाज से बंगाल का पलड़ा भारी है। इस सत्र में दोनों टीमों के बीच दो मैच हुए हैं, जिनमें से एक बंगाल ने जीता है और दूसरा टाई रहा है।
मनिंदर पर सस्पेंस बरकरार
बंगाल के चोटिल कप्तान मनिंदर सिंह के खेलने पर सस्पेंस बरकरार है। यू मुंबा के खिलाफ दूसरे सेमीफाइनल में उनकी अनुपस्थिति में मुहम्मद इस्माइल नबीबख्श ने टीम की कमान संभाली थी। मनिंदर अपनी टीम के शीर्ष रेडर भी हैं। इस सत्र के 20 मैचों में उन्होंने 205 अंक अर्जित किए हैं, जिनमें 10 सुपर-10 शामिल हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि दिल्ली के खिलाफ उनका प्रदर्शन हमेशा ही शानदार रहा है।
दिल्ली को नवीन से काफी उम्मीदें
दिल्ली को एक बार फिर अपने स्टार रेडर नवीन कुमार से भारी उम्मीदें हैं। वह इस सत्र में दिल्ली के सबसे सफल खिलाड़ी रहे हैं। नवीन के जबरस्त फॉर्म का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि उन्होंने एक मैच को छोड़कर बाकी सभी मैचों में सुपर-10 अर्जित किए हैं। नवीन ने 22 मैचों में 283 रेड अंक अर्जित किए हैं, जिनमें 21 सुपर-10 शामिल हैं।
बनेंगे ये रिकॉर्ड
पीकेएल-7 के फाइनल में कई व्यक्तिगत रिकॉर्ड बनेंगे या बनने की संभावना हैं। अगर दबंग दिल्ली जीतती है तो विशाल माणे पीकेएल के इतिहास में तीन विजयी टीमों का हिस्सा बनने वाले पहले खिलाड़ी हो जाएंगे। वह दूसरे सत्र में यू मुंबा और पांचवें सत्र में पटना पाइरेट्स के सदस्य थे। वहीं बंगाल के जीवा कुमार मैदान में उतरने पर अपना चौथा फाइनल खेलेंगे। पिछले तीनों खिताबी मुकाबले उन्होंने यूं मुंबा की तरफ से खेले थे। बंगाल के सुकेश हेगड़े के लिए यह फाइनल इसलिए भी बेहद खास है क्योंकि यह पीकेएल में उनका 100वां मैच होगा।
बोनस अंक जुटाने में माहिर है दिल्ली :
दिल्ली का एक मजबूत पक्ष यह है कि वह बोनस अंक जुटाने में माहिर है। नवीन कुमार और चंद्रन रंजीत को इसमें महारत हासिल है। दिल्ली ने प्रत्येक मैच में 5.8 बोनस अंक जुटाए हैं। इस मामले में वह सभी टीमों में दूसरे नंबर पर है। वहीं बंगाल इस मामले में कमजोर है। उसने प्रत्येक मैच में 5.4 बोनस अंक गंवाएं हैं।
इन खिलाड़ियों पर रहेगी नजर :
फाइनल में बंगाल से रेडिंग में कप्तान मनिंदर सिंह के खेलने की सूरत में उनके अलावा मुहम्मद इस्माइल नबीबख्श, के प्रपंजन और सुकेश हेगड़े जबकि डिफेंस में बलदेव सिंह और रिंकू नरवाल पर नजर रहेगी, वहीं दिल्ली के लिए रेडिंग में नवीन कुमार और चंद्रन रंजीत और डिफेंस में कप्तान जोगिंदर नरवाल, जोगिंदर पहल और विशाल माणे महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
बंगाल वारियर्स के कोच बीसी रमेश ने कहा है, "ये बेहद जबर्दस्त मुकाबला होने वाला है। दोनों टीमें पहली बार फाइनल में हैं। हमें यकीन है कि ये एक देखने वाला मैच होगा।" उधर, पहली बार पीकेएल के फाइनल में पहुंची दबंग दिल्ली के कोच कृष्णन कुमार हूडा, "दोनों टीमें काफी अनुशासित हैं। कोच के तौर पर मैं वादा करता हूं कि हमारी टीम प्रशंसकों को निराश नहीं करेगी।"