अपनी लंबाई को देखकर प्रिंसपाल सिंह ने चुना बास्केटबॉल, जी-लीग के साथ हुआ करार
19 वर्षीय प्रिंसपाल भारत में एनबीए अकादमी के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका करार जी-लीग के साथ हुआ है।
भारत के बास्केटबॉल खिलाड़ी प्रिंसपाल सिंह ने देश में क्रिकेट का बोलबाला होने के बावजूद बास्केटबॉल में करियर बनाने का फैसला किया, लेकिन वह इस खेल में आने के पीछे अपनी लंबाई को कारण मानते हैं। पंजाब के फिरोजपुर के 19 वर्षीय प्रिंसपाल भारत में एनबीए अकादमी के पहले ऐसे खिलाड़ी हैं जिनका करार जी-लीग के साथ हुआ है। जी-लीग नेशनल बास्केटबॉल लीग (एनबीए) की आधिकारिक युवा खिलाड़ियों के लिए है जिसमें युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलता है। फॉरवर्ड स्थान में खेलने वाले छह फुट 10 इंच के प्रिंसपाल से योगेश शर्मा ने खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश :
- देश में जब क्रिकेट का बोलबाला है और एनबीए को लेकर इतना महत्व नहीं दिया जाता तब भी आपने इस खेल को क्यों चुना?
- मुझे बास्केटबॉल के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी और मैंने गेंद भी लुधियाना में जाकर देखी थी। मैं एक खिलाड़ी बनना चाहता था और मुझे इस खेल के भविष्य को लेकर भी कुछ नहीं पता था। धीरे-धीरे खेलता गया तब मुझे इस खेल के बारे में पता लग गया। जब एनबीए देश में आया तो हमारे लिए और भी बढि़या हो गया। हमें सबसे ज्यादा मौके एनबीए अकादमी ने दिए।
- फिरोजपुर से आपने करियर शुरू किया और अब जी लीग तक पहुंच गए। तो क्या आपको इसकी उम्मीद थी?
- यह मेरे लिए सपने जैसा है कि मैं यहां तक पहुंच पाया। मुझे बहुत खुशी है कि मैं यहां तक खेल पाया।
- देश में एनबीए अकादमी में आपका अनुभव कैसा रहा?
- एनबीए अकादमी में मेरा अनुभव अच्छा रहा। ट्रेनिंग, कार्यक्रम और डाइट सभी चीजें अच्छी थीं। कोच ने काफी नई चीजें बताई थीं, जो काम आ रही हैं।
- पंजाब में ज्यादातर खिलाड़ी बास्केटबॉल में कम आते हैं तो हॉकी या अन्य खेल में करियर बनाते हैं तो आपने इस खेल में क्यों आना चाहा?
- फिरोजपुर में ज्यादातर मेरे साथी लड़के वॉलीबॉल खेलते हैं, लेकिन मुझे देखकर सभी ने कहा कि बास्केटबॉल खेलना चाहिए। लेकिन, बाद में मैंने अपनी लंबाई को देखकर बास्केटबॉल खेलना शुरू कर दिया।
- ज्यादातर वहां के लड़के यही सोचते हैं कि खेल के जरिये बस सरकारी नौकरी पानी है तो क्या आप भी ऐसा चाहते थे?
- जब मैंने अपने खेल की शुरुआत की थी तो मेरे दिमाग में यह नहीं था कि मुझे सरकारी नौकरी के लिए ही खेल खेलना है। मैं चाहता था कि मुझे बास्केटबॉल में अपना करियर बनाना है और एनबीए तक पहुंचना है। अब मैं अगले पांच साल में शानदार प्रदर्शन करके एनबीए की मुख्य टीम में आने की कोशिश करूंगा।