राष्ट्रपति भवन में खेल पुरस्कार समारोह कराने की तैयारी, खेल मंत्रालय और खिलाड़ी नहीं चाहते वर्चुअल कार्यक्रम
Sports awards ceremony in Rashtrapati Bhavan ओलिंपिक और पैरालिंपिक के कारण इस बार खेल मंत्रालय ने समारोह को 29 अगस्त को आयोजित नहीं करने का फैसला किया था क्योंकि मंत्रालय चाहता था कि पहले दुनिया के सबसे बड़े खेलों के विजेताओं का फैसला हो जाए जिससे उन्हें अवार्ड मिल जाएं।
अभिषेक त्रिपाठी, नई दिल्ली। भारत ने इस बार टोक्यो ओलिंपिक में सात और पैरालिंपिक में 19 पदक जीते हैं। यही कारण है कि इस बार रिकार्ड खिलाडि़यों को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार मिलेंगे। कोच को मिलने वाले द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं की संख्या में भी वृद्धि होगी। वैसे तो खेल पुरस्कार समारोह 29 अगस्त को मेजर ध्यानचंद के जन्म दिवस (खेल दिवस) पर राष्ट्रपति भवन में होता है लेकिन कोरोना के कारण पिछली बार इसे वर्चुअल आयोजित किया गया था।
ओलिंपिक और पैरालिंपिक के कारण इस बार खेल मंत्रालय ने समारोह को 29 अगस्त को आयोजित नहीं करने का फैसला किया था क्योंकि मंत्रालय चाहता था कि पहले दुनिया के सबसे बड़े खेलों के विजेताओं का फैसला हो जाए जिससे उन्हें भी इस साल अवार्ड मिल जाएं। हालांकि पैरालिंपिक को खत्म हुए भी एक महीने से ज्यादा का समय बीत गया है और अब तक पुरस्कार समारोह आयोजित नहीं हो पाए हैं। खेल मंत्रालय के एक सूत्र ने कहा कि पिछले साल हमने कोरोना के कारण आनलाइन कार्यक्रम आयोजित किया था और इस बार भी ऐसी ही योजना थी लेकिन अब कोरोना के मामले कम हैं। हम लोगों ने आपस में चर्चा की। अधिकतर खिलाड़ी भी वर्चुअल कार्यक्रम के पक्ष में नहीं हैं। उनका मन है कि उन्हें राष्ट्रपति भवन में सबके सामने यह सम्मान मिले। इसी को लेकर चर्चा हो रही है और हमारी कोशिश है कि इसे पुराने तरीके से ही आयोजित किया जाए।
ध्यानचंद पुरस्कार का नाम भी बदलने की तैयारी : पहले खेलों के सबसे बड़े सम्मान का नाम राजीव गांधी खेल रत्न अवार्ड था। अब उसे मेजर ध्यानचंद के नाम पर कर दिया गया है। ध्यानचंद के नाम पहले से ही मेजर ध्यानचंद लाइफटाइम एचीवमेंट अवार्ड दिया जाता है। खेल मंत्रालय इसका नाम जीव मिल्खा सिंह पर रख सकता है। खेल रत्न पाने वाले एथलीट को अब 25 लाख और अर्जुन पुरस्कार पाने वाले 15 लाख रुपये मिलते हैं।