सुशील से बदला लेने के लिए तैयार हैं प्रवीण राणा, कुमार के सामने आ सकती है ये बड़ी दिक्कत
राष्ट्रमंडल खेलों के लिए हुए चयन ट्रायल में सुशील को प्रवीण और जितेंद्र ने कड़ी टक्कर दी थी।
नई दिल्ली, योगेश शर्मा। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता भारतीय पहलवान सुशील कुमार की नौ जनवरी से शुरू होने वाले प्रो कुश्ती लीग (पीडब्ल्यूएल) के तीसरे सत्र में राह आसान नहीं रहेगी। लीग के पांच ग्रुप मुकाबलों में उन्हें प्रवीण राणा सहित विदेशी पहलवानों की कड़ी चुनौती मिलेगी। ऐसे में उन्हें जीतने के लिए अपना पूरा अनुभव लगाना होगा।
राष्ट्रमंडल खेलों के लिए हुए चयन ट्रायल में सुशील को प्रवीण और जितेंद्र ने कड़ी टक्कर दी थी। इसके बाद सुशील और उनके परिवारवालों पर राणा के भाई को मारने की एफआइआर दर्ज हुई। उनका सामना कुश्ती लीग में इन दोनों पहलवानों से होगा। ऐसे में अपने कद को बचाने के लिए वह लीग से ही अपना नाम वापस ले सकते हैं।
रणनीति के तहत जुड़े सुशील
पीडब्ल्यूएल के एक अधिकारी ने कहा कि इस समय भारतीय कुश्ती में दो बड़े पहलवान सुशील और योगेश्वर दत्त हैं। इन दोनों के नाम पर ही इस लीग में प्रायोजक आते हैं और इससे भारतीय कुश्ती संघ को भी फायदा होता है, लेकिन योगेश्वर लीग में खेल नहीं रहे और सुशील भी नहीं खेलते हैं तो ज्यादा प्रायोजक लीग से नहीं जुड़ पाएंगे। इसलिए एक रणनीति के तहत सुशील को लीग से जोड़ा गया है। फिलहाल सुशील लीग में खेल रहे हैं, लेकिन उनको यहां कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा।
चयन ट्रायल में छूट गए थे पसीने
सुशील ने 74 किग्रा फ्री स्टाइल में पिछले साल राष्ट्रीय चैंपियनशिप में वॉकओवर के सहारे स्वर्ण पदक जीता था, लेकिन उनकी असली परीक्षा नहीं हो पाई थी। राष्ट्रमंडल खेलों और सीनियर एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में जब ट्रायल का नंबर आया तो इस दिग्गज पहलवान की असली परीक्षा हुई, जिसमें मुकाबला जीतने के लिए उनके पसीने छूट गए। राष्ट्रमंडल खेलों और एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप के लिए कोटा हासिल करने के लिए उन्हें एक-एक अंक जुटाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी और उनकी उम्र उनकी कुश्ती के दौरान हावी दिखी।
चयन ट्रायल के दौरान सुशील सेमीफाइनल में प्रवीण को 7-3 से हराने में सफल रहे थे, लेकिन प्रवीण का आरोप था कि वह बेईमानी से जीतने में सफल हुए जिसमें उनकी रेफरियों ने मदद की। उनका यह भी आरोप था कि सुशील के साथी मुङो इस लीग में नहीं खेलने की धमकी दे रहे हैं। ट्रायल के फाइनल में सुशील जितेंद्र से कड़े मुकाबले में 4-3 से जीत गए।
राणा ने कसी कमर
राष्ट्रमंडल कुश्ती चैंपियनशिप और राष्ट्रीय चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता प्रवीण सुशील से अपनी हार का बदला लेने के लिए तैयारी कर रहे हैं और वह उनके खिलाफ मिली जीत को अपनी मां को समर्पित करेंगे जो इस समय कैंसर से पीड़ित हैं। सुशील लीग के इस सत्र में सबसे महंगे पहलवान थे, जिन्हें दिल्ली सुल्तांस ने 55 लाख रुपये की बड़ी राशि पर खरीदा था। वहीं, प्रवीण को वीर मराठा ने 16 लाख रुपये में अपनी टीम में शामिल किया। पंजाब रॉयल्स की तरफ से खेलने वाले जितेंद्र के खिलाफ सुशील उतरेंगे तो इसमें भी उन्हें कड़ी मशक्कत करनी पड़ेगी। जितेंद्र राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 79 किग्रा में खेले थे और 2015 से 2017 तक स्वर्ण पदक जीता था, जबकि 79 किग्रा में ही राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप के 2016 और 2017 के भी वह स्वर्ण पदकधारी हैं। चयन ट्रायल के दौरान उनका कुश्ती शुरू होने और खत्म होने के बाद सुशील का पैर छूना चर्चा में रहा था।
विदेशी भी कम नहीं
पीडब्ल्यूएल में सुशील को मुंबई महारथी के पहलवान वीरदेव गुलिया और यूपी दंगल के उज्बेकी पहलवान बेकजोद अब्दुराखमोनोव व हरियाणा हैमर्स केरूसी पहलवान खेतीक सबलोव से भी भिड़ना पड़ सकता है। बेकजोद एशियाई चैंपियनशिप और इंडोर एशियन गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता हैं, जबकि खेतीक के पास विश्व चैंपियनशिप का रजत पदक है। खेतीक की खासियत है कि वह मैच को जल्दी से खत्म करके जीतना पसंद करते हैं। वहीं बेकजोद को हराने के लिए दिग्गज पहलवान सुशील को बेजोड़ मेहनत करनी होगी और इसके साथ ही इन विदेशी पहलवानों के लिए देशी रणनीति अपनानी होगी।