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टोक्यो ओलंपिक में उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए रिंग में पसीना बहा रहीं पूजा रानी बोहरा

भिवानी की महिला मुक्केबाज पूजा रानी बोहरा टोक्यो ओलंपिक में मुक्के बरसाती नजर आएंगी। पूजा देश की जानी-मानी मुक्केबाज एमसी मेरी कॉम को अपना रोल मॉडल मानती हैं। ओलंपिक में खेल प्रेमियों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए पूजा इन दिनों रिंग में जमकर पसीना बहा रही हैं।

By TaniskEdited By: Published: Sun, 06 Jun 2021 08:01 PM (IST)Updated: Sun, 06 Jun 2021 08:01 PM (IST)
टोक्यो ओलंपिक में उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए रिंग में पसीना बहा रहीं पूजा रानी बोहरा
पूजा रानी बोहरा टोक्यो ओलंपिक में मुक्के बरसाती नजर आएंगी।

सुरेश मेहरा, भिवानी। भिवानी की महिला मुक्केबाज पूजा रानी बोहरा टोक्यो ओलंपिक में मुक्के बरसाती नजर आएंगी। पूजा देश की जानी-मानी मुक्केबाज एमसी मेरी कॉम को अपना रोल मॉडल मानती हैं। टोक्यो में उनके साथ ही देश का प्रतिनिधित्व करेंगी। ओलंपिक में खेल प्रेमियों की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए पूजा इन दिनों रिंग में जमकर पसीना बहा रही हैं।

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ऐसे शुरू की मुक्केबाजी

वर्ष 2009 में पूजा भिवानी के आदर्श महिला महाविद्यालय में बीए प्रथम वर्ष की छात्रा थीं। पूजा ने तत्कालीन फिजिकल लेक्चरर मुकेश रानी को मुक्केबाजी के प्रति लगाव की बात बताई। मुकेश ने पूजा को अपने पति मुक्केबाजी कोच संजय से मिलवाया और इसके बाद पूजा का मुक्केबाजी अभ्यास शुरू हो गया।

जब लगा करियर पर ब्रेक

वर्ष 2015 में दिवाली के दिन पूजा का हाथ आतिशबाजी में जल गया। हाथ को सही होने में दो साल से ज्यादा का समय लग गया। स्वस्थ होने के बाद पूजा एक बार फिर रिंग में उतरीं और प्रतिद्वंद्वियों पर अपने मुक्कों की बरसात कर दी।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जीता ओलंपिक कोटा

पूजा ने जॉर्डन में हुए ओलंपिक क्वालीफाई मुकाबलों में 75 किग्रा भार वर्ग में थाइलैंड की मुक्केबाज को हराकर ओलंपिक कोटा हासिल किया। यह कोटा उन्होंने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस यानी आठ मार्च को हासिल किया था। पूजा के मुक्केबाज पिता राजबीर सिंह और मां दमयंती को अपनी बेटी पर गर्व है और उनका मानना है कि बेटी ने अब तक शानदार खेल दिखाया है और ओलंपिक में भी वह अच्छा करेगी।

एशियन चैंपियनशिप के स्वर्ण ने बढ़ाया हौसला

पूजा कहती हैं कि टोक्यो ओलंपिक से पहले एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने से हौसला बुलंद हुआ है। कोरोना महामारी के चलते इस प्रतियोगिता के आयोजन पर संशय बना हुआ था, लेकिन खेल अधिकारियों के सार्थक प्रयास के चलते देश के खिलाड़ी एशियन चैंपियनशिप में खेलने के लिए दुबाई रवाना हो सके।

पूजा का करियर

-2010 में गोवा में हुई जूनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में रजत पदक

-2012 में गुवाहाटी में सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक

-2013 में एशियन चैंपियनशिप में रजत पदक

-2013 में एशियन गेम्स में कांस्य पदक

-2019 में बैंकाक में एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक

-2021 में दुबई में एशियन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक


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