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Neeraj Chopra: ओलिंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा को इस साल 90 मीटर थ्रो फेंकने का भरोसा

नीरज चोपड़ा ने गुरुवार को प्रतिष्ठित डायमंड लीग में अपना राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ते हुए रजत पदक जीता था और वह काफी करीब से 90 मीटर का थ्रो फेंकने से चूक गए थे लेकिन उन्हें भरोसा है कि वह इस साल इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 07:24 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 07:24 PM (IST)
Neeraj Chopra: ओलिंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा को इस साल 90 मीटर थ्रो फेंकने का भरोसा
भारत के जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (एपी फोटो)

स्टाकहोम, प्रेट्र। ओलिंपिक चैंपियन नीरज चोपड़ा ने गुरुवार को प्रतिष्ठित डायमंड लीग में अपना राष्ट्रीय रिकार्ड तोड़ते हुए रजत पदक जीता था और वह काफी करीब से 90 मीटर का थ्रो फेंकने से चूक गए थे, लेकिन उन्हें भरोसा है कि वह इस साल इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।

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नीरज ने पहले प्रयास में 89.94 मीटर का थ्रो किया जिससे वह पहली बार डायमंड लीग शीर्ष तीन में जगह बनाने में सफल रहे थे। लेकिन वह महज छह सेंटीमीटर से 90 मीटर से चूक गए। नीरज ने कहा, 'पहला थ्रो काफी अच्छा था। ऐसा नहीं था कि पहले थ्रो में ही करना है। 90 मीटर के काफी करीब था और लग रहा था कि कर दूंगा, पर अपना सर्वश्रेष्ठ किया तो अच्छा लग रहा है। मैं अब 90 मीटर के करीब हूं और इस साल मैं ऐसा कर सकता हूं।'

उन्होंने कहा, 'जब एंडरसन पीटर्स ने 90 मीटर की दूरी तय की तो मुझे भी लगा कि मुझे भी ऐसा करना होगा। मेरे दिमाग में था कि सब कुछ सही होना चाहिए। भाला एक ही लाइन में जाना चाहिए और तकनीक उत्तम होनी चाहिए। जब सबकुछ सही होगा तभी आप इतनी लंबी दूरी तक थ्रो कर सकते हो। मैं खुश हूं कि मेरे सभी थ्रो काफी अच्छे थे। मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। मैं लंबे समय बाद खेल रहा हूं और अगली प्रतियोगिता में अपना सर्वश्रेष्ठ देने की कोशिश करूंगा।'

नीरज की निगाहें 15 से 24 जुलाई तक अमेरिका के यूजीन में होने वाली विश्व चैंपियनशिप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने पर लगी हुई हैं। विश्व चैंपियनशिप में भारत का सिर्फ एक ही पदक है जो लंबी कूद की एथलीट अंजू बाबी जार्ज ने 2003 में कांस्य पदक से हासिल किया था। नीरज ने कहा,'विश्व चैंपियनशिप में एक ही पदक है, इसका कोई दबाव नहीं है। बस पूरी कोशिश करेंगे। वैसे ओरेगोन में जाकर ही पता चलेगा। हर प्रतियोगिता, प्रत्येक दिन अलग होता है। जब मैं ओरेगोन में खेलना शुरू करूंगा तो ही पता चलेगा कि मैं ओलिंपिक चैंपियन का दबाव महसूस कर रहा हूं या नहीं। वैसे मैं बिना दबाव के खेलता हूं। मैं कड़ी ट्रेनिंग करता हूं और प्रतियोगिता में अपना शत फीसद देने की कोशिश करता हूं।'


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