डोप के 71 पॉजीटिव मामले पिछले साल दर्ज किए नाडा ने
नाडा ने पिछले साल 71 पॉजीटिव मामले दर्ज किए थे,
नई दिल्ली, प्रेट्र। राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) ने पिछले साल 71 पॉजीटिव मामले दर्ज किए थे, जिनमें से 21 मामले एथलेटिक्स से जुड़े थे। विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार, नाडा ने मूत्र और खून के 3174 नमूनों की जांच की, जिनमें से 71 में प्रतिबंधित दवाओं के अंश पाए गए। इनमें से नौ नमूने संदिग्ध थे जिनकी आगे और जांच की जाएगी।
डोप धोखाधड़ी के मामले 2015 में 110 थे, जो 2017 में 71 हो गए, लेकिन नाडा ने उस समय 4734 नमूनों की जांच की थी। नाडा ने 2017 में एथलेटिक्स में 815 टेस्ट किए, जिनमें से 502 प्रतियोगिता के दौरान और 229 प्रतियोगिता से बाहर किए गए। इनमें से 84 खून के नमूने थे। डोप उल्लंघन में दूसरे सबसे ज्यादा मामले पावर लिफ्टिंग के थे, जिनके 50 नमूने एकत्र किए गए और 14 मामले पॉजीटिव निकले।
भारोत्तोलन में 359 नमूनों में से 11 पॉजीटिव निकले, जबकि बॉडी बिल्डिंग में 18 नमूनों में से नौ पॉजीटिव पाए गए। फुटबॉल और हॉकी में क्रमश: 318 और 156 नमूनों में से एक-एक पॉजीटिव निकला। वॉलीबॉल और जूडो में दो और मुक्केबाजी में चार नमूने पॉजीटिव रहे। मुक्केबाजों के प्रतिस्पर्धा से बाहर 270 नमूने एकत्र किए गए थे।
क्रिकेट में यूसुफ का रहा एकमात्र मामला
यूसुफ पठान की अनजाने में की गई गलती पिछले साल भारतीय क्रिकेट डोपिंग रिकॉर्ड में एकमात्र धब्बा रहा। वाडा रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। रिपोर्ट बीसीसीआइ की 275 नमूनों की जांच के बाद तैयार की गई। वाडा रिपोर्ट में पठान के अलावा किसी अन्य क्रिकेटर का नाम नहीं है।
पूर्व भारतीय खिलाड़ी पठान पर बीसीसीआइ ने पांच महीने का प्रतिबंध लगाया था और जो इस साल आइपीएल से पहले समाप्त हो गया था। प्रतिकूल विश्लेषणात्मक जांच (एएएफ) में पठान का अकेला मामला था लेकिन अनियमित जांच (एटीएफ) में कहा गया है कि दो खिलाडि़यों के मूत्र के नमूने संदेहास्पद थे। हालांकि यह पता नहीं चल सका कि इनमें कोई विदेशी खिलाड़ी शामिल था या नहीं।
वाडा रिपोर्ट के अनुसार 2017 में जो 275 नमूनों की जांच की गई, उसमें 233 प्रतियोगिता के दौरान और 42 प्रतियोगिता से इतर किए गए। न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान ब्रैंडन मैकुलम को 2016 आइपीएल के दौरान डोपिंग में पॉजीटिव पाया गया था, लेकिन तब बीसीसीआइ ने खिलाड़ी के लिए पूर्व तिथि का उपचारात्मक उपयोग छूट प्रमाणपत्र ले लिया था और यह मामला वहीं पर समाप्त हो गया था। 2018 में एक खिलाड़ी का डोप टेस्ट पॉजीटिव पाया गया, जो पंजाब के प्रथम श्रेणी क्रिकेटर अभिषेक गुप्ता है और अभी निलंबित है।