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मेरी कॉम, नासकॉम व राजीव गांधी ट्रस्ट जांच के दायरे में

मेरी कॉम के रीजनल बॉक्सिंग फाउंडेशन को बतौर चेरेटेबिल ट्रस्ट वर्ष 2006 में स्थापित किया गया था।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 20 Mar 2018 09:56 PM (IST)Updated: Wed, 21 Mar 2018 12:20 PM (IST)
मेरी कॉम, नासकॉम व राजीव गांधी ट्रस्ट जांच के दायरे में
मेरी कॉम, नासकॉम व राजीव गांधी ट्रस्ट जांच के दायरे में

नई दिल्ली, प्रेट्र। ओलंपियन और राज्यसभा सांसद मेरी कॉम, राजीव गांधी चेरेटेबिल ट्रस्ट और देश की आइटी इंडस्ट्री की सर्वोच्च संस्था नासकॉम समेत 42 गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) जांच के दायरे में हैं। गृह मंत्रालय यह देख रहा है कि इन संस्थाओं ने कहीं विदेशी चंदे के कानून का उल्लंघन तो नहीं किया।

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केंद्रीय गृह राज्य मंत्री किरण रिजिजू ने मंगलवार को लोकसभा को बताया कि 21 एनजीओ को मानकीकृत प्रश्नावलियां दी गई हैं। इन गैरसरकारी संगठनों में मेरी कॉम का रीजनल बॉक्सिंग फाउंडेशन, दिल्ली स्थित राजीव गांधी चैरेटेबल ट्रस्ट, केरल स्थित एशियानेट न्यू चैरेटेबिल ट्रस्ट, एमनेस्टी इंटरनेशनल (इंडिया) फाउंडेशन शामिल हैं।

रिजिजू ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि दिल्ली स्थित शक्ति सस्टेनेबिल एनर्जी फाउंडेशन, दिल्ली स्थित नासकॉम और पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया समेत 21 एनजीओ के ऑडिट और निरीक्षण का काम पूरा हो गया है। उन्होंने बताया कि गैर सरकारी संगठनों को विदेश से धन मिला है और उसकी जांच 'फॉरेन कांट्रिब्यूशन रेगुलेशन एक्ट' (एफसीआरए) के तहत की जा रही है।

मेरी कॉम के रीजनल बॉक्सिंग फाउंडेशन को बतौर चेरेटेबिल ट्रस्ट वर्ष 2006 में स्थापित किया गया था। 2012 के लंदन ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने वाली, पदम भूषण से सम्मानित और राज्यसभा सांसद एमसी मेरी कॉम और उनके पति के.ओनलेर ने इस गैर सरकारी संगठन को मणिपुर और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों के गरीब युवाओं को बॉक्सिंग सिखाने के लिए शुरू किया था।

इसीतरह राजीव गांधी चैरेटेबल ट्रस्ट (आरजीसीटी) को वर्ष 2002 में स्थापित किया गया था। ताकि देश के गरीबों की जरूरतों को पूरा किया जा सके। खासकर ग्रामीण अमले में गरीबों पर अधिक ध्यान दिया जाना था। इस संस्था ने उत्तर प्रदेश के 42 जिलों में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कार्यक्रम चला रखे हैं।

इसीतरह नासकॉम बिना लाभ वाला औद्योगिक संगठन है। यह 154 अरब डॉलर की भारतीय आइटी बीपीएम इंडस्ट्री की सर्वोच्च संस्था है। इसीतरह पब्लिक हेल्थ फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पीएचएफआइ) सरकार और निजी क्षेत्र के सहयोग से बनी संस्था राज्य और केंद्र सरकार के सहयोग से देश और विदेश की मदद लेती है। यह संस्था सिविल सोसाइटी समूहों से भी जुड़ी हुई है। जिन एनजीओ को प्रश्नावली दी गई है उनमें बेंगलुरु स्थित सेंटर फॉर इंटरनेट एंड सोसाइटी भी शामिल है। इस पर हाल ही में आधार का डाटा चुराने का आरोप लगा था।

पांच हजार एनजीओ के लाइसेंस रद 

लोकसभा को गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने बताया कि सरकार ने अप्रैल 2017 तक 5000 एनजीओ के एफसीआरए लाइसेंस रद करके उनकी विदेशी फंडिंग रोक दी थी। इन सभी गैर सरकारी संगठनों ने कानून का उल्लंघन किया था।

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