35 वर्षीय केशव मानिक का अनोखा रिकॉर्ड, 200 रविवार दौड़े 200 हाफ मैराथन
केशव का लक्ष्य एक हजार रविवार हाफ मैराथन का रिकॉर्ड बनाने और युवाओं को दौड़ के प्रति जागरूक कर फिट रखने का है।
पोपीन पंवार, यमुनानगर। मॉडल टाउन निवासी व प्लाइवुड व्यापारी 35 वर्षीय केशव मानिकटाहला को दौड़ लगाने का जुनून चढ़ा है। वो भी ऐसा कि 200 रविवार लगातार हाफ मैराथन दौड़ लगाकर रिकॉर्ड बना डाला। इस दौरान उनके सामने कई बाधाएं भी आईं। कई बार शारीरिक पीड़ा से भी जूझे, लेकिन उन्होंने दौड़ना नहीं छोड़ा। तीन बार 104 डिग्री बुखार में दौड़ पूरी की, तो एक बार जम्मू में कर्फ्यू के बीच दौड़ लगाई। अब उनका लक्ष्य एक हजार रविवार हाफ मैराथन का रिकॉर्ड बनाने और युवाओं को दौड़ के प्रति जागरूक कर फिट रखने का है।
अब तक वह दुबई, श्रीलंका, भूटान व फ्रांस में भी दौड़ में हिस्सा ले चुके हैं। इसके अलावा 18 राज्यों व 28 शहरों में भी उन्होंने दौड़ पूरी की। जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए भी वह पंचकूला से दिल्ली तक दौड़ चुके हैं। सीएम मनोहर लाल ने भी उनको सम्मानित किया था। 2016 में शुरू किया सफर अल्ट्रा मैराथन धावक केशव बताते हैं कि वर्ष 2016 नवंबर माह में दिल्ली हाफ मैराथन होनी थी। इसके लिए 11 सितंबर 2016 दिन रविवार से तैयारी शुरू कर दी। किसी से मैराथन नहीं हो पाई। तभी से वह लगातार हर रविवार को हाफ मैराथन की दौड़ लगाते रहे।
शुरुआत में परिजन रोकते थे, मगर बाद में वे भी मान गए। पहले 12 रविवार दौड़ लगाई। फिर 52 रविवार हुए। अब वह 200 रविवार पूरे कर चुके हैं। यह दौड़ जीपीएस वॉच और स्ट्रावा एप के जरिए ऑनलाइन होती है। हार्ट बीट और केडनस (एक मिनट में कितने कदम रखे) वॉच के जरिए काउंट होती है।
शुरुआत में वह हाफ मैराथन पौने तीन घंटे में पूरी करते थे। अब वह एक घंटा 40 मिनट में दौड़ पूरी कर रहे हैं। उनका कहना है कि स्ट्रावा एप पर उनको 1500 लोग फॉलो करते हैं। पूरी मैराथन दौड़ 42.195 किलोमीटर (26 मील और 385 गज) की होती है, यह आमतौर पर सड़क दौड़ के तौर पर दौड़ी जाती है। उनसे प्रभावित होकर शहर के काफी लोग उनके साथ जुड़ गए हैं। युवा दौड़ लगा रहे हैं और बुजुर्ग लंबी सैर कर रहे हैं।
कई बार जूझे परेशानियों से इस रिकॉर्ड को बनाने में तीन दफा बुखार में भी दौड़े। दो बार तो उल्टी दस्त लगे हुए थे, लेकिन उनके कदम नहीं थमे और उन्होंने हाफ मैराथन पूरी की। 2017 व 2019 में वह लद्दाख गए थे। वहां पर भी रविवार आने पर उन्होंने हाफ मैराथन पूरी की। 2018 में वह व्यापार के सिलसिले में जयपुर कार से गए थे।
रास्ते में लौटते हुए रविवार पड़ गया, तो उन्होंने कार सड़क पर खड़ी कर दौड़ पूरी की। इसके अलावा अरुणाचल प्रदेश में वह व्यापार के सिलसिले में गए थे। ट्रेन लेट हो गई , तो उन्होंने पश्चिमी बंगाल के सिलिगुड़ी में ट्रेन छोड़ दी और वहीं पर हाफ मैराथन की दौड़ पूरी की। भढिंडा में वह हाफ मैराथन के दौरान अंधेरे में सीवरेज में गिरकर जख्मी हो गए थे, लेकिन उन्होंने दौड़ नहीं छोड़ी।
इसी तरह से लॉकडाउन में भी दौड़ लगाई। रिकॉर्ड को बनाने में गर्मी, सर्दी, बरसात की भी परवाह नहीं की। लॉकडाउन में भी उन्होंने घर की छत पर 33 घंटे लगातार दौड़ कर 222 किलोमीटर का रिकॉर्ड बनाया था। 2018 में केशव 100 डेज में 5300 किलोमीटर जीत चुके हैं। इसमें 41 देशों के 20 हजार धावकों ने भाग लिया था।