डोप टेस्ट में फंसे देवेंदर सिंह कंग, चार साल का लग सकता है बैन
कंग का नमूना पटिलाया में चल रही इंडियन ग्रां प्रि के दौरान लिया गया था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। देश के दिग्गज भाला फेंक खिलाड़ी देविंदर सिंह कंग को डोप टेस्ट में फेल होने के बाद विश्व एथलेटिक्स की संचालन संस्था ने अस्थाई रूप से निष्कासित कर दिया है। 29 वर्षीय कंग के खून का नमूना चार दिन पहले एथलेटिक्स इंटीग्रिटी यूनिट (एआइयू) द्वारा पटियाला में लिया गया, जिसे अंतरराष्ट्रीय एथलेटिक्स महासंघ (आइएएएफ) ने नई डोपिंग इकाई के रूप में गठित किया है।
कंग के नमूने में स्टेरोयड के अंश मिले हैं जिसके बाद उनपर चार साल के निष्कासन का खतरा मंडरा रहा है। ऐसी स्थिति में उनका करियर समाप्त हो सकता है। कंग का नमूना पटिलाया में चल रही इंडियन ग्रां प्रि के दौरान लिया गया था। वह उन पांच भारतीय एथलीटों में शामिल हैं जिन्हें आइएएएफ ने अपने टेस्ट पूल में रखा है।
आइएएएफ ने भारतीय एथलेटिक्स संघ (एएफआइ) को कंग के डोप टेस्ट में फेल होने खबर दे दी है जिसके बाद उनके नाम को पटियाला में जारी इंडियन ग्रां प्रि के भाला फेंक प्रतियोगिता से हटा दिया गया है। के एक अधिकारी ने बताया है कि एथलीट (कंग) ने अपने उपलब्ध होने के स्थान की जानकारी उस दिन (चार दिन पहले) सुबह दस से 11 बजे के बीच दी थी। एआइयू के अधिकारी पटियाला आए और उनका नमूना लेकर गए, जिसमें प्रतिबंधित स्टेरोयड के नमूने मिले थे।
मालूम हो कि पिछले साल भी पंजाब के इस खिलाड़ी को मरिजुआना के सेवन के लिए पॉजिटिव पाया था जिसके पेशाब से राष्ट्रीय डोपिंग रोधी इकाई (नाडा) को इसके अंश मिले थे। आगामी कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स में भारत के पदक की बड़ी उम्मीद कंग को तब निष्कासित नहीं किया गया था क्योंकि तब विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी (वाडा) की प्रतिबंधित दवाओं की सूची में मरिजुआना शामिल नहीं था।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कंग खासे सफल रहे हैं। 2017 में लंदन में हुई विश्व चैंपियनशिप में वह भाला फेंक प्रतियोगिता में फाइनल तक पहुंचने वाले पहले भारतीय बने थे। वह जर्मन के दिग्गज ओवे होहन की देखरेख में एनआइएस पटियाला में अगले कॉमनवेल्थ गेम्स और एशियन गेम्स की तैयारी कर रहे थे। फिलहाल डोप टेस्ट में असफल रहने के बाद अब उन्हें आइएएएफ द्वारा गठित संस्था द्वारा एआइयू के समक्ष अपने मामले को रखना होगा।
विश्व इंडोर चैंपियनशिप में उतरेंगे थिंगालाया
ट्रैक और फील्ड एथलीट सिद्धांत थिंगाल्या शुक्रवार से बर्मिघम में शुरू हो रही विश्व इंडोर चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। 27 वर्षीय एथलीट 60 और 110 मीटर हर्डल में भाग लेंगे, जो इस समय कैलिफोर्निया में अभ्यास कर रहे हैं। थिंगाल्या के नाम 60 मीटर हर्डल में 7.70 के समय के साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड बना चुके हैं।