भाला फेंक एथलीट अमित कुमार डोपिंग में फंसे
भारतीय भाला फेंक एथलीट अमित कुमार को पिछले महीने फिनलैंड दौरे के दौरान प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का दोषी पाया गया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रतिभाशाली भारतीय भाला फेंक एथलीट अमित कुमार को पिछले महीने फिनलैंड दौरे के दौरान प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का दोषी पाया गया। भारतीय एथलेटिक्स महासंघ (एएफआइ) ने इस मामले को लेकर चुप्पी साध रखी है, लेकिन एथलीट के करीबी सूत्रों ने पुष्टि की कि उन्हें अस्थायी तौर पर निलंबित किया गया है। फेडरेशन कप में रजत पदक जीतने वाले अमित एशियन गेम्स की टीम में जगह नहीं बना पाए थे, क्योंकि उन्हें 81 मीटर के मानदंड को हासिल करना था।
अमित का परीक्षण जून में फिनलैंड के दौरे के दौरान पॉजीटिव पाया गया था। यह परीक्षण आइएएएफ की एथलीट इंटीग्रिटी यूनिट (एआइयू) के निर्देशों पर फिनलैंड की डोपिंग रोधी एजेंसी ने किया था। अमित ने डोप नियंत्रण फॉर्म भरते समय इसका जिक्र नहीं किया था कि फिनलैंड पहुंचने से पहले उन्होंने क्या पूरक आहार लिया था। उन्हें टेस्टास्टेरोन का स्तर बहुत अधिक होने के लिए पॉजीटिव पाया गया है। ऐसा किसी खास पूरक आहार लेने से होता है। अमित के करीबी सूत्रों ने बताया कि अगर उन्होंने अपने फॉर्म में पूरक आहार का जिक्र किया होता तो उन्हें राहत मिल सकती थी लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया क्योंकि तब तक उसने यह आहार नहीं लिया था। अमित ने जो पूरक आहार लिया था वह उसमें मौजूद अवयवों के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं रखता था।
खेल मंत्री के अनुरोध पर नाडा पैनल में शामिल हुआ : सहवाग
नई दिल्ली, प्रेट्र : नाडा पैनल की बीते दिनों महत्वपूर्ण बैठक थी जिसमें पूर्व भारतीय क्रिकेटर वीरेंद्र सहवाग के हिस्सा नहीं लेने पर काफी विवाद हुआ था। अब सहवाग ने आगे आकर इस पर स्थिति स्पष्ट करते हुए साफ कहा कि उन्होंने कभी भी इस पैनल का हिस्सा बनने की ख्वाहिश नहीं रखी थी। उन्होंने कहा कि वह खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर के आग्रह पर इस समिति से जुड़े थे। नाडा पैनल में किसी ओलंपियन को रखना चाहिए ना कि किसी क्रिकेटरों को।
सहवाग को पिछले साल नंवबर में नाडा के डोपिंग रोधी अपील पैनल (एडीएपी) में शामिल किया गया था लेकिन अभी तक उन्होंने एक भी सुनवाई में हिस्सा नहीं लिया। सहवाग ने कहा, 'मेरे जैसे व्यक्ति की तुलना में ओलंपियन डोपिंग रोधी संहिता के बारे में ज्यादा जानते हैं। शुरू में मैं पैनल का हिस्सा बनने का इच्छुक नहीं था। मुझे यह स्वीकार करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है कि मेरी जानकारी सीमित है। वैसे भी मैं शुरू से बीसीसीआइ का हिस्सा रहा हूं। आइसीसी टूर्नामेंटों के दौरान ही मेरे डोप टेस्ट हुए थे। इससे ज्यादा जानकारी मुझे नहीं है।' सहवाग ने साफ कहा कि एडीएपी की पहली दो सुनवाई के दौरान नाडा ने उन्हें तिथियों के बारे में भी अवगत नहीं कराया था। तीसरी सुनवाई में मैं नहीं जा सका, क्योंकि मेरा बेटा अस्वस्थ था।