देश ओलंपिक मेडल की उम्मीद न रखे, IOA के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने दिया बयान
भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने कहा है कि अगर देश में कोरोना के हालात नहीं सुधरते हैं तो देश फिर ओलंपिक पदक की आस न रखे।
नई दिल्ली, पीटीआइ। दिल्ली हाईकोर्ट के निर्देश पर खेल मंत्रालय द्वारा 54 राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) की मान्यता रद करने पर भारतीय ओलंपिक संघ के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने अपना पक्षा रखा है। बत्रा ने साफ कह दिया कि अगर जल्द ही मौजूदा हालात नहीं सुधरे तो ओलंपिक में खिलाड़ियों से देश पदक की उम्मीद न रखे।
अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (एआइएफए), हॉकी इंडिया, एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एएफआइ) समेत सभी खेल संघों की मान्यता रद होने के बाद देश में लॉकडाउन की वजह से ठप पड़ी खेल गतिविधियां अब लंबे समय तक शुरू नहीं हो पाएंगी।
बत्रा ने कहा, मुझे नहीं पता कि अब खेल शिविर शुरू हो पाएंगे या नहीं। सरकार किस तरह फंड देगी। मान्यता कोर्ट ने रद की है तो आगे वह कब और क्या फैसले लेंगे, इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता, लेकिन यह गंभीर विषय है। तैयारियां पिछले तीन माह से बंद है अब इस स्थिति में 2021 टोक्यो ओलंपिक में पदक की उम्मीद नहीं की जा सकती।
बत्रा ने कहा कि कोर्ट में अगली तारीख अगस्त की है। साथ ही वह यह कहने से भी नहीं चूके कि ओलंपिक में खिलाड़ी तिरंगे की बजाय भारतीय ओलंपिक संघ के ध्वज के तहत खेलते दिख सकते हैं, लेकिन हम अदालत का सम्मान करते हैं।
वीके मल्होत्रा ने पत्र लिख खेल मंत्री से की अपील
ओलंपिक से एक साल पहले 54 एनएसएफ की मान्यता रद करने से चिंतित अखिल भारतीय खेल परिषद के अध्यक्ष वीके मल्होत्रा ने खेल मंत्रालय से अटार्नी जनरल (एजी) नियुक्त करने और दिल्ली हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में तुरंत अपील करने का अनुरोध किया। खेल मंत्रालय ने गुरुवार को दिल्ली हाई कोर्ट के निर्देश के अनुसार 54 राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) की सालाना अस्थायी मान्यता वापस ले ली जिसने उसे अगले आदेश तक यथास्थिति बनाए रखने को कहा था।
खेल मंत्री किरण रिजिजू को लिखे पत्र में मल्होत्रा ने शुक्रवार को कहा कि यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब खेल जगत कोविड-19 महामारी से जूझ रहा है और इसके भारतीय खिलाडि़यों की अगले साल होने वाले ओलंपिक गेम्स की तैयारियों पर विपरीत असर पड़ सकता है। इस अनुभवी खेल प्रशासक ने कहा कि भारतीय ओलंपिक संघ और अंतरराष्ट्रीय महासंघों ने अपनी मान्यता वापस नहीं ली है।
मल्होत्रा ने पत्र में लिखा, इसे देखते हुए मैं आपसे इस मामले को पेश करने के लिए अटार्नी जनरल/सोलिसिटर जनरल नियुक्त करने का अनुरोध करूंगा जो तुरंत हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में हाई कोर्ट के देश में सभी खेल महासंघों की मान्यता को वापस लेने के निर्देश को रद करने लिए अपील करें। सालाना मान्यता से एनएसएफ को सरकारी अनुदान और ट्रेनिंग व प्रतियोगिताओं के लिए सहायता मिलती है।
उन्होंने कहा, इस फैसले से भारत में सभी ओलंपिक गेम्स के खिलाडि़यों की तैयारियां और ट्रेनिंग बुरी तरह प्रभावित होगी क्योंकि खेल मंत्रालय केवल मान्यता प्राप्त एनएसएफ को ही राष्ट्रीय शिविरों और अंतरराष्ट्रीय टूर्नमेंट के लिए फंड और अनुमति प्रदान करता है।