विदेशी नागरिकता वाले भारतीय नहीं कर सकते ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व
आइओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने कहा कि ऐसे प्रस्ताव पर विचार करने का सवाल ही नहीं है। सिर्फ मान्य भारतीय पासपोर्ट धारक ही भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
खेल संवाददाता, कोलकाता। भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) ने भारतीय मूल के व्यक्तियों (पीआइओ) एवं विदेशों में रहने वाले भारतीय नागरिकों (ओसीए) को भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए ओलंपिक में शामिल करने के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया है। आइओए के अध्यक्ष नरेंद्र बत्रा ने कहा कि ऐसे प्रस्ताव पर विचार करने का सवाल ही नहीं है। सिर्फ मान्य भारतीय पासपोर्ट धारक ही भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं। अगर पीआइओ और ओसीए के पास भारतीय पासपोर्ट होंगे, तो निश्चित रूप से उन पर विचार किया जाएगा, लेकिन अगर ऐसा नहीं है तो उन्हें मौका देने का सवाल ही नहीं है। हम दोहरी पासपोर्ट नीति में विश्वास नहीं करते।
बत्रा ने सवाल करते हुए कहा कि अगर उनके पास अन्य देशों का पासपोर्ट है तो आइओए और अंतरराष्ट्रीय निकाय उन्हें इसकी अनुमति कैसे दे सकते हैं? यह अनैतिक है और ऐसा करना बिलकुल ठीक नहीं है। मालूम हो कि अखिल भारतीय फुटबॉल संघ (एआइएफएफ) समेत कुछ खेल महासंघ इसकी मांग कर रहे थे। भारतीय फुटबॉल टीम के कोच स्टीमैक ने पीआइओ और ओसीए को भारत का प्रतिनिधित्व करने देने की जरूरत बताई थी।
एआइएफएफ के महासचिव कुशल दास ने इस बाबत केंद्रीय खेल मंत्री किरण रिजिजू के साथ बैठक कर उन्हें विस्तृत प्रस्ताव सौंपा था। एआइएफएफ की तरफ से केंद्रीय खेल मंत्रालय को 30 खिलाडि़यों की सूची भेजी गई थी। मालूम हो कि वर्तमान में पीआइओ और ओसीए को तब तक भारत का प्रतिनिधित्व करने की अनुमति नहीं है, जब तक वे अपनी विदेशी नागरिकता नहीं छोड़ देते और भारतीय पासपोर्ट के लिए आवेदन नहीं करते।
हालांकि ये बात कहीं से भी जायज नहीं लगती कि को ऐसा भारतीय जो जिसके पास विदेशी नागरिकता है, यानी वो मूल रूप से भारतीय है, लेकिन वो अब दूसरे देश का नागरिक है। तकनीकी तौर पर वो भारत का नागरिक नहीं रहा तो भारत का प्रतिनिधित्व कैसे कर सकता है। इस मामले पर आइओए ने जो कदम उठाया है वो सराहनीय है।