दंगल के सहारे पर हैं कॉमनवेल्थ गेम्स के पदक, तैयारी के लिए खिलाड़ी नहीं जाना चाहते ऑस्ट्रेलिया
भारतीय कुश्ती टीम का 18 सदस्यीय दल चार से 15 अप्रैल तक ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए छह अप्रैल को ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होगा।
नई दिल्ली, योगेश शर्मा। ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में चार अप्रैल से शुरू कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने की तैयारियों के लिए भारतीय पहलवान देश में चल रहे दंगलों पर निर्भर हैं जबकि बाकी देशों के पहलवान उच्च स्तरीय प्रशिक्षण ले रहे हैं। भारतीय कुश्ती टीम का 18 सदस्यीय दल चार से 15 अप्रैल तक ऑस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में होने वाले कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए छह अप्रैल को ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होगा। वहां के हालातों में ढलने के लिए भारतीय टीम के पास सिर्फ पांच दिन रहेंगे क्योंकि टीम सात अप्रैल को वहां पहुंचेगी और कुश्ती के मुकाबले 12 अप्रैल से शुरू होंगे।
भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआइ) के अधिकारी ने दैनिक जागरण को बताया कि डब्ल्यूएफआइ को पहलवानों को ऑस्ट्रेलियाई माहौल में खुद को ढालने के लिए पहले भेजने में कोई परेशानी नहीं है लेकिन जब पहलवानों और कोच की तरफ से इस तरह का प्रस्ताव आया ही नहीं तो हम क्या कर सकते हैं? महत्वपूर्ण बात यह है कि कोई भी पहलवान वहां पहले नहीं जाना चाहता क्योंकि वहां जाने से उनका उल्टा नुकसान ही होगा। भारतीय पहलवानों को ऑस्ट्रेलिया में अभ्यास के लिए अच्छे पहलवान नहीं मिल पाते जबकि इस समय हमारे पहलवान देश में दंगल खेलकर अपना अभ्यास पूरा कर रहे हैं।
इसके अलावा पहलवानों को जब खेल गांव में जाने की अनुमति मिलेगी तभी उन्हें वहां भेजा जा सकता है। हमारे पहलवानों का कॉमनवेल्थ गेम्स में हमेशा से अच्छा प्रदर्शन रहा है और मुझे लगता है कि उन्हें वहां पहले भेजने जैसा मुद्दा नहीं बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे पहलवान दंगल खेलकर अभ्यास कर रहे हैं। हालांकि आधुनिक कुश्ती के युग में यह अजीब लगता है कि भारतीय पहलवान कॉमनवेल्थ गेम्स जैसी प्रतियोगिता में पदक जीतने के लिए दंगल के सहारे रहें।
अगर पहलवानों को अभ्यास करना ही था तो वह विदेश में भी कर सकते थे लेकिन उन्होंने वहां जाने को लेकर ज्यादा प्राथमिकता नहीं दी। 2014 कॉमनवेल्थ गेम्स के रजत पदक विजेता बजरंग पुनिया हरियाणा सरकार द्वारा बुधवार से शुरू हो रहे 'भारत केसरी दंगल' में हिस्सा लेंगे जिसमें लगभग दो करोड़ रुपये की ईनामी राशि दांव पर है।
अधिकारी ने टीम की रवानगी को लेकर कहा कि हमने फैसला किया है कि 18 सदस्यीय दल छह अप्रैल को कॉमनवेल्थ गेम्स के लिए रवाना होगा। पहले इनके नौ अप्रैल को जाने की बातचीत चल रही थी लेकिन अब इनके कार्यक्रम में बदलाव किया गया है। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार के भारतीय दल से पहले ही व्यक्तिगत खर्चे पर ऑस्ट्रेलिया जाने की खबर को डब्ल्यूएफआइ ने गलत बताया है। सब एक साथ ऑस्ट्रेलिया जाएंगे। कॉमनवेल्थ गेम्स 2014 में भारत ने पांच स्वर्ण, छह रजत, दो कांस्य सहित कुल 13 पदक जीते थे। इस बार पहलवानों से इससे भी बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद है।
टीम:
पुरुष फ्री स्टाइल:
राहुल अवारे (57 किग्रा), बजरंग पुनिया (65 किग्रा), सुशील कुमार (74 किग्रा), सोमवीर (86 किग्रा), मौसम खत्री (97 किग्रा), सुमित (125 किग्रा)।
पुरुष सहयोगी स्टाफ: जगमिंदर (मुख्य कोच), राजीव तोमर (सहायक कोच)
महिला फ्री स्टाइल:
विनेश फोगाट (50 किग्रा), बबीता कुमारी (53 किग्रा), पूजा ढांडा (57 किग्रा), साक्षी मलिक (62 किग्रा), दिव्या काकरण (68 किग्रा), किरण (76 किग्रा)
महिला सहयोगी स्टाफ: कुलदीप और अल्का तोमर (दोनों कोच), फिजियो: वीरेंद्र प्रताप (पुरुष), विशाल राय (महिला)