भारत की शान पीवी सिंधू विश्व चैंपियन बनने से बस एक कदम दूर
अब खिताब के लिए सिंधू का सामना जापान की नोजोमी ओकुहारा से होगा।
ग्लास्गो, पीटीआइ। रियो ओलंपिक की रजत पदक विजेता शटलर पीवी सिंधू ने विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचकर भारत के पहले स्वर्ण पदक की उम्मीदें बढ़ा दी हैं। विश्व चैंपियनशिप की दो बार की कांस्य पदक विजेता 22 वर्षीय सिंधू ने शनिवार को 47 मिनट तक चले सेमीफाइनल मुकाबले में चीन की चेन यूफेई को 21-13, 21-10 से पराजित कर पहली बार इस प्रतिष्ठित चैंपियनशिप के खिताबी मुकाबले में जगह बनाई।
चेन ने पहले गेम में सिंधू को जरूर कुछ टक्कर दी, लेकिन दूसरे गेम में सिंधू ने पूरी तरह अपना दबदबा बनाए रखा। अब खिताब के लिए सिंधू का सामना जापान की नोजोमी ओकुहारा से होगा, जिन्होंने साइना नेहवाल को मात दी।
सिंधू और चेन के बीच यह तीसरी भिड़ंत थी। इससे पहले खेले गए दो मुकाबलों में सिंधू और चेन ने एक-एक जीता था। हैदराबादी खिलाड़ी सिंधू इस चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने वाली दूसरी भारतीय शटलर हैं। उनसे पहले 2015 में साइना नेहवाल फाइनल में पहुंची थीं। हालांकि उन्हें कैरोलिन मारिन से हार रजत से ही संतोष करना पड़ा था।
सेमीफाइनल में हारीं साइना
इससे पहले साइना नेहवाल का चैंपियनशिप का खिताब जीतने का सपना सेमीफाइनल में हार के साथ टूट गया। साइना को जापान की नोजोमी ओकुहारा से हारकर कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ा। लंदन ओलंपिक की कांस्य पदक विजेता साइना ने पहला गेम जीतकर शानदार शुरुआत की थी, लेकिन वह अपनी लय बरकरार नहीं रख पाई और 21-12, 17-21, 10-21 से मैच गंवा बैठी। मैच एक घंटे 14 मिनट तक चला।
ओकुहारा की दूसरी जीत
साइना के खिलाफ ओकुहारा की यह आठ मैचों में दूसरी जीत है। इससे पहले खेले गए सात मुकाबलों में से छह साइना और एक ओकुहारा ने जीता था। इस मुकाबले में भी साइना ने जीत के लिए पूरी ताकत झोंक दी पर ओकुहारा से पार नहीं पा पाईं। साइना ने मैच के बाद कहा, 'पहला गेम जीतने के बावजूद मैच हार जाना निराशाजनक रहा। कुल मिलाकर मैं अपने प्रदर्शन से खुश हूं। चोट के बाद सेमीफाइनल तक पहुंचना अच्छा रहा। मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया और मैं इससे खुश हूं।'