Tokyo Olympics 2020 में खराब प्रदर्शन के बाद निशाने पर भारत के निशानेबाज
Tokyo Olympics 2020 में भारतीय निशानेबाजों ने खराब प्रदर्शन किया है। निशानेबाजों से एकाध पदक की उम्मीद की जा रही थी लेकिन वे क्वालीफिकेशन के दौर से ही बाहर हो गए। ऐसे में निशानेबाज निशाने पर आ गए हैं।
टोक्यो, पीटीआइ। Tokyo Olympics 2020। ओलिंपिक निशानेबाजी में एक बार फिर शीर्ष खिलाड़ियों के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआइ) ने कोचिंग सदस्यों को पूरी तरह से बदलने का वादा किया। रियो ओलिंपिक (2016) की तरह टोक्यो में भी भारतीय निशानेबाजों का प्रदर्शन अब तक निराशाजनक रहा है। भारत के रिकॉर्ड 15 निशानेबाजों ने इन खेलों का टिकट कटाया था, लेकिन भारतीय दल अब गलत कारणों से सुर्खियों में है, जिसमें टीम में गुटबाजी की खबरें भी सामने आ रही हैं।
इस बीच, एनआरएआइ के प्रमुख रनिंदर सिंह ने कोचिंग और सहायक कर्मचारियों में बड़ा बदलाव करने का वादा किया। एनआरएआइ के प्रमुख सिंह ने कहा, "निश्चित रूप से प्रदर्शन उम्मीदों के अनुरूप नहीं है और मैंने कोचिंग और सहयोगी सदस्यों में बदलाव की बात कही है।" उन्होंने यह बातें राइफल और पिस्टल निशानेबाजों द्वारा मिक्स्ड टीम स्पर्धाओं के क्वालीफिकेशन चरणों को पार करने में विफल रहने के बाद कही।
इस बात पर भी सवाल उठ रहे हैं कि निशानेबाज आइएसएसएफ विश्व कप के अपने शानदार प्रदर्शन को ओलिंपिक में दोहराने में नाकाम क्यों हो रहे हैं। उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि हमारे निशानेबाजों को इन बड़े मौकों के लिए तैयारी करने में कुछ कमी है, क्योंकि स्पष्ट रूप से उनमें प्रतिभा है और हमने इसे यहां भी देखा है।"
उन्होंने कहा कि महासंघ और अन्य संबंधित हितधारकों ने खेलों के लिए निशानेबाजों को तैयार करने में मदद करने के लिए हर संभव प्रयास किया। इसमें ओलिंपिक चैंपियन अभिनव बिंद्रा के नेतृत्व वाले पैनल की सिफारिशों को लागू करना शामिल है, जो पांच साल पहले रियो डि जेनेरियो में निराशाजनक प्रदर्शन के बाद बना था।
एनआरएआइ ने पदक की उम्मीद मनु भाकर का जूनियर राष्ट्रीय कोच जसपाल राणा के साथ मनमुटाव होने के बाद भारत के पूर्व निशानेबाज और कोच रौनक पंडित को उन्हें प्रशिक्षित करने का जिम्मा दिया। सिंह ने कहा कि उन्होंने उन दोनों के बीच चीजों को सुलझाने की कोशिश की थी।
क्वालीफिकेशन से ही बाहर सौरभ और भाकर
भारत को मिक्स्ड टीम स्पर्धाओं से पदक की सबसे ज्यादा उम्मीद थी। सौरभ चौधरी और मनु भाकर की जोड़ी को 10 मीटर एयर पिस्टल मिक्स्ड टीम स्पर्धा में पदक का प्रबल दावेदार माना जा रहा था लेकिन, क्वालीफिकेशन के पहले चरण में शीर्ष पर रहने के बाद दूसरे चरण में वे लय में नहीं दिखे और आखिर में सातवें स्थान से संतोष करना पड़ा। अभिषेक वर्मा और यशस्विनी सिंह देसवाल की एक अन्य भारतीय जोड़ी इस स्पर्धा के पहले चरण में 564 अंक के साथ 17वें स्थान पर रहने के कारण शुरू में ही बाहर हो गई। भारत की दो जोडि़यों ने 10 मीटर एयर राइफल मिक्स्ड टीम स्पर्धा में भी हिस्सा लिया था लेकिन, वे क्वालीफिकेशन के पहले चरण से भी आगे नहीं बढ़ पाई। इलावेनिल वालारिवान और दिव्यांश सिंह पंवार की जोड़ी 626.5 अंक बनाकर 12वें तथा अंजुम मोदगिल और दीपक कुमार की जोड़ी 623.8 अंक बनाकर 29 जोडि़यों के बीच 18वें स्थान पर रही। ओलिंपिक में पहली बार मिक्स्ड टीम स्पर्धाओं को शामिल किया गया है।
कर्माकर बोले, अब मैं इसे आपदा कहूंगा
परिणामों से निराश जायदीप कर्माकर और हीना सिद्धू जैसे जाने-माने निशानेबाजों और ओलिंपियन ने ट्वीट कर अपनी भावनाओं का इजहार किया। लंदन ओलिंपिक में मामूली अंतर से पदक से चूकने वाले कर्माकर ने ट्वीट किया, "अब मैं इसे आपदा कहूंगा! यह निशानेबाजी में भारतीय टीम के लिए सबसे बड़ी उम्मीद थी और इसके लिए किस्मत को दोष नहीं देना चाहिए। मैं निराश हूं? सभी निराश हैं, लेकिन सबसे ज्यादा निराश कौन है? निशानेबाज खुद सबसे ज्यादा निराश है। कृपया अनावश्यक ट्रोल और अपमान से बचें। उनमें से कुछ असफल रहे और आलोचना का सामना करेंगे और यह हर प्रदर्शन करने वाले कलाकार या खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा है।"
कर्माकर ने कहा कि टीम के कम उम्र वाले (किशोर) निशानेबाजों को बच्चा कह कर उन्हें कमजोर नहीं आंका जाना चाहिए। वहीं, पूर्व विश्व चैंपियन पिस्टल निशानेबाज हीना भी नतीजों से निराश हैं। उन्होंने ट्वीट किया, "मंगलवार को 10 मीटर स्पर्धाओं में निराशाजनक प्रदर्शन। भारतीय निशानेबाजी के लिए बुरा दिन सौरभ ने अच्छा किया, मनु को आखिर में बेहतर प्रदर्शन करने की जरूरत थी। यह निराशाजनक है।"