स्वदेश लौटे भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी, कोरोना टेस्ट निगेटिव आने के बाद भारत जाने की मिली अनुमति
भारतीय दल ने पांच दिन क्वारंटाइन में बिताए जिसके बाद उनका फिर से टेस्ट किया गया। यह टेस्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें स्वदेश लौटने की अनुमति मिली। लक्ष्य उनके पिता और फिजियो बेंगलुरु पहुंचे जबकि शुभंकर और जयराम ने फ्रैंकफर्ट से दिल्ली की उड़ान पकड़ी।
जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी के डर के कारण जर्मनी में सारलॉरलक्स ओपन से हटने और फिर क्वारंटाइन पर रहने वाले भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी कोरोना वायरस के दूसरे टेस्ट में निगेटिव आने के बाद मंगलवार को स्वदेश लौट गए।
इन खिलाड़ियों में लक्ष्य सेन भी शामिल हैं जो अपने खिताब का बचाव करने के लिए जर्मनी गए थे, लेकिन उनके पिता एवं कोच डीके सेन के वायरस के लिए पॉजिटिव पाए जाने के बाद उन्हें सारब्रूकेन में सारलॉरलक्स ओपन से हटना पड़ा था। विश्व के पूर्व नंबर 13 अजय जयराम और 2018 के विजेता शुभंकर डे को भी इस सुपर 100 टूर्नामेंट से हटने के लिए मजबूर होना पड़ा तथा सीनियर सेन के संपर्क में आने के कारण उन्हें भी क्वारंटाइन होना पड़ा था।
लक्ष्य, जयराम, शुभंकर और फिजियो अभिषेक वाघ को टूर्नामेंट से पहले निगेटिव पाया गया था। भारतीय दल ने पांच दिन क्वारंटाइन में बिताए जिसके बाद उनका फिर से टेस्ट किया गया। यह टेस्ट निगेटिव आने के बाद ही उन्हें स्वदेश लौटने की अनुमति मिली। लक्ष्य, उनके पिता और फिजियो बेंगलुरु पहुंचे जबकि शुभंकर और जयराम ने फ्रैंकफर्ट से दिल्ली की उड़ान पकड़ी।
डीके सेन ने कहा, 'हम सभी पूरी तरह से स्वस्थ हैं। मेरा टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद हम क्वारंटाइन थे। जर्मन अधिकारियों ने एक नवंबर को हम पांचों का दूसरा टेस्ट किया और सौभाग्य से नतीजा निगेटिव आया और हम तुरंत ही स्वदेश लौट गए।' वहीं, भारतीय बैडमिंटन संघ (बाई) ने भी खिलाडि़यों और सहयोगी स्टाफ का सहयोग करने वाले सभी हितधारकों का आभार व्यक्त किया। बाई ने कहा, 'भारतीय शटलर और सहयोगी स्टाफ अब सात दिन तक घर में ही क्वारंटाइन पर रहेंगे।' अब जनवरी तक कोई टूर्नामेंट नहीं है इसलिए लक्ष्य कुछ दिनों के लिए अपने गृहनगर अल्मोड़ा लौट जाएंगे।