छह साल बाद स्वर्ण पदक जीतने के इरादे से उतरेगा भारत
भारत पांचवीं विश्व महिला युवा मुक्केबाजी चैंपियनशिप में घरेलू हालात का फायदा उठाकर 2011 के बाद अपना पहला स्वर्ण पदक जीतने के इरादे से उतरेगा,
गुवाहाटी, प्रेट्र। भारत रविवार से शुरू हो रही पांचवीं विश्व महिला युवा मुक्केबाजी चैंपियनशिप में घरेलू हालात का फायदा उठाकर 2011 के बाद अपना पहला स्वर्ण पदक जीतने के इरादे से उतरेगा, हालांकि मजबूत प्रतिद्वंद्वियों की मौजूदगी में मेजबान देश की मुक्केबाजों की राह आसान नहीं होगी।
भारत की दस सदस्यीय मजबूत टीम सरजूबाला के प्रदर्शन को दोहराने के लिए बेताब है, जो अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (एआइबीए) के आयु वर्ग टूर्नामेंट में स्वर्ण पदक जीतने वाली एकमात्र भारतीय मुक्केबाज हैं। अब सीनियर टीम का नियमित हिस्सा सरजूबाला ने तुर्की में 2011 में स्वर्ण पदक जीता था। उनके बाद सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन अब सीनियर टीम की एक अन्य सदस्य पूर्व विश्व जूनियर चैंपियन निखत जरीन का रहा, जिन्होंने 2013 में रजत पदक जीता।
भारत के इटली के कोच राफेल बर्गामास्को ने कहा, 'मुझे लगता है कि यह सबसे प्रतिस्पर्धी युवा टूर्नामेंट है। प्रभागियों की संख्या और मुक्केबाजी के स्तर में पुरुष स्पर्धा की तुलना में काफी सुधार हुआ है। हमें जिन प्रतिद्वंद्वियों से सबसे अधिक चुनौती मिलेगी, उनमें चीन, रूस, कजाकिस्तान के अलावा फ्रांस, इंग्लैंड और यूक्रेन भी शामिल हैं। मैं आशावान हूं क्योंकि मुझे लगता है कि हमारी मुक्केबाज पोडियम पर जगह बनाने के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करेंगी। पिछले दो टूर्नामेंट में भारत का प्रदर्शन काफी अच्छा नहीं रहा है और इस दौरान टीम सिर्फ एक कांस्य पदक जीत पाई।