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महिला मुक्केबाजी की राजधानी बन गया है भारत, आईबीए अध्यक्ष ने दिया बड़ा बयान

अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) के अध्यक्ष उमर क्रेमलेव ने मंगलवार को कहा कि भारत महिला मुक्केबाजी की राजधानी बन गया है। क्रेमलेव के मुताबिक भारत आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2023 के साथ महिलाओं की इस सबसे बड़ी मुक्केबाजी प्रतियोगिता के लिए पूरी तरह तैयार है।

By Jagran NewsEdited By: Priyanka JoshiPublished: Tue, 14 Mar 2023 10:23 PM (IST)Updated: Tue, 14 Mar 2023 10:23 PM (IST)
महिला मुक्केबाजी की राजधानी बन गया है भारत, आईबीए अध्यक्ष ने दिया बड़ा बयान
india has become the capital of women s boxing

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता। अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी संघ (आईबीए) के अध्यक्ष उमर क्रेमलेव ने मंगलवार को कहा कि भारत महिला मुक्केबाजी की राजधानी बन गया है। क्रेमलेव के मुताबिक भारत आईबीए महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप 2023 के साथ महिलाओं की इस सबसे बड़ी मुक्केबाजी प्रतियोगिता के लिए पूरी तरह तैयार है। इस चैंपियनशिप का आयोजन बुधवार से नई दिल्ली के इंदिरा गांधी खेल परिसर में स्थित केडी जाधव इंडोर हाल में होना है।

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'भारत महिला मुक्केबाजी की राजधानी बन गया है'

भारतीय मुक्केबाजी महासंघ (बीएफआई) की मेजबानी में यह प्रतिष्ठित टूर्नामेंट भारत में तीसरी बार हो रहा है। इससे अधिक बार चैंपियनशिप के इतिहास में किसी भी देश ने इसकी मेजबानी नहीं की है। पिछले दो संस्करण 2006 और 2018 में नई दिल्ली में हुए थे।

क्रेमलेव ने रियो ओलंपिक चैंपियन फ्रांस की एस्टेले मोसेली और मौजूदा अफ्रीकन चैंपियन सिएरा लियोन की सारा हागी घाट जू के साथ-साथ बीएफआई के अध्यक्ष अजय सिंह की मौजूदगी में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, “भारत महिला मुक्केबाजी की राजधानी बन गया और अब हम एक साथ ऐतिहासिक क्षण के गवाह बन रहे हैं। आमतौर पर 250 से 260 मुक्केबाज इस तरह की चैंपियनशिप में भाग लेते हैं, लेकिन इस साल यह एक बहुत बड़ी चैंपियनशिप है।“

इस चैंपियनशिप के आगामी 13वें संस्करण में खिताब के लिए 65 देशों के 300 से अधिक मुक्केबाजों के बीच मुकाबला होगा। ये खिलाड़ी 12 भार वर्गों में हिस्सा लेंगे। इस साल इस चैंपियनशिप के लिए 20 करोड़ रुपये का विशाल पुरस्कार पूल होगा।

बीएफआई अध्यक्ष अजय सिंह ने कहा,

"मुझे लगता है कि भारत का तीसरी बार चैंपियनशिप की मेजबानी करना इस बात का प्रमाण है कि भारत मुक्केबाजी में एक वास्तविक शक्ति है और जैसा कि आईबीए अध्यक्ष ने कहा कि यह वास्तव में दुनिया में महिला मुक्केबाजी की राजधानी बन गया है। हमारे लिए और भी खुशी की बात यह है कि इस खेल ने हमें अपने देश में महिलाओं को सशक्त बनाने में सक्षम बनाया है। और हम मुक्केबाजी को उन रास्तों में से एक के रूप में देखते हैं, जिसके द्वारा पीछे रहने वाली महिलाएं, जो अक्सर सर्वश्रेष्ठ नहीं होती हैं, ऊपर उठती हैं और विश्व चैंपियन बन जाती हैं।"


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