राज्यपाल व सीएम के सामने सुधा ने कहा- मुझे नौकरी चाहिए, पैसा नहीं
अर्जुन अवार्ड जीत चुकी सुधा सिंह ने नौकरी की मांग की।
राज्य ब्यूरो, लखनऊ। जकार्ता में हुए एशियाड-2018 में रजत पदक जीतने वाली एथलीट सुधा सिंह ने मंगलवार को मंच पर ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के समक्ष पुरस्कार धनराशि लेने से इन्कार कर उनके लिए असहज स्थिति पैदा कर दी। स्टीपलचेज में अपने प्रदर्शन से अर्जुन अवार्ड जीत चुकी सुधा ने योगी से कहा-'सीएम साहब, मुझे नौकरी चाहिए। यह धनराशि आप किसी और खिलाड़ी को दे दीजिए।' सुधा के अचानक सीएम और राज्यपाल के समक्ष ठिठक जाने से सकते में आए अधिकारी किंकर्तव्यविमूढ़ से खड़े रहे। बहरहाल राज्यपाल राम नाईक और खुद मुख्यमंत्री ने समझाया तो उन्होंने पुरस्कार राशि ले ली और मंच से नीचे उतर आईं।
3000 मीटर स्टीपलचेज की दौड़ में दो बार ओलंपिक में भाग ले चुकी और कई राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय पदक हासिल कर चुकीं रायबरेली की यह एथलीट खेल विभाग के अधिकारियों की उपेक्षा से आहत थीं। इससे पहले मुख्यमंत्री आवास पर योगी से मुलाकात के दौरान भी उन्होंने राज्य सरकार में नौकरी की इच्छा जताई थी। राज्य सरकार राजपत्रित अधिकारी की नौकरी देने की घोषणा भी कर चुकी है लेकिन, खेल विभाग के अधिकारी नियमों की ढाल बनाकर हीला-हवाली में जुटे हुए हैं। दैनिक जागरण से बातचीत में सुधा ने अपना दर्द साझा किया-'मैं यूपी की रहने वाली हूं और यहीं रहना चाहती हूं। इसीलिए मैं यहां नौकरी करना चाहती हूं लेकिन, विभाग के कुछ लोग ऐसा नहीं चाहते।' यह पूछे जाने पर कि सीएम ने क्या कहा, उन्होंने कहा कि आश्वासन दिया है। मैंने पुरस्कार राशि बाद में इसलिए ले ली क्योंकि मैं उनका और राज्यपाल का अनादर नहीं करना चाहती थी।
वर्तमान में रेलवे में कार्यरत 32 वर्षीय सुधा के अनुसार वह खेलों में प्रतिभाओं को निखारना चाहती हैं, इसलिए विभाग में उप निदेशक पद पर काम करना चाहती हैं। विभाग के लोग नियमों का हवाला देते हैं। इससे पहले भी सिर्फ एक ओलंपिक में भाग ले चुके को उप निदेशक पद पर नौकरी दी जा चुकी है। अगर मेडल ही पैमाना है तो मेरे मेडल किसी के मुकाबले में रखे जा सकते हैं। यूपी में खेल मंत्री के अलावा मैं अकेली अर्जुन अवार्डी हूं।
नहीं दिया जा सकता उप निदेशक पद : चौहान
खेल मंत्री चेतन चौहान ने कहा कि सरकार सभी खिलाडि़यों को राज्य सरकार में नौकरी देने के प्रति गंभीर है लेकिन, नियमों के तहत ही नियुक्तियां दी जाएंगी। उप निदेशक प्रमोशन का पद है। इस पर सीधे नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। नियमों के तहत ही सुधा सिंह को नौकरी दी जाएगी।