कॉमनवेल्थ में जीते मेडल, अब अपने ही सम्मान समारोह का बहिष्कार करेंगे खिलाड़ी, ये है वजह
ऑस्ट्रेलिया में 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में हरियाणा के 22 खिलाड़ियों ने नौ स्वर्ण, सात रजत और छह 6 कांस्य पदक जीते थे।
गुरुग्राम, अनिल भारद्वाज। गोल्ड कोस्ट में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीतने वाले हरियाणा के कुछ खिलाड़ी 26 अप्रैल को प्रदेश सरकार की तरफ से चंडीगढ़ में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह का बहिष्कार करेंगे। प्रदेश सरकार की तरफ से इनाम में कटौती को लेकर नाराज चल रहे गोल्ड कोस्ट के हीरो ने बहिष्कार करने की घोषणा की है। इनाम नहीं लेने वाले खिलाड़ियों में रेलवे में नौकरी कर रहे स्टार पहलवान बजरंग पूनिया, विनेश फोगाट, साक्षी मलिक, किरन बिश्नोई और मुक्केबाज मनोज कुमार शामिल हैं। इसके अलावा भारतीय सेना में शामिल एथलीट नीरज चोपड़ा व मुक्केबाज अमित पंघाल भी इसका बहिष्कार करेंगे।
इन खिलाड़ियों का कहना है कि प्रदेश सरकार दूसरे प्रदेश के खिलाड़ियों को इनाम दे रही है और हरियाणा के खिलाड़ियों की इनामी राशि में कटौती कर रही है। यह कैसी खेल स्कीम है। खिलाड़ियों का कहना है कि वे किसी भी खिलाड़ी को इनाम देने के खिलाफ नहीं है लेकिन उनकी राशि में कटौती क्यों की जा रही है? खिलाड़ियों ने नौकरियों को लेकर भी अपनी नाराजगी जाहिर की है। खिलाड़ियों का कहना है कि एसडीएम व डीएसपी की नौकरी देने की घोषणा कर दी गई है और साथ में परीक्षा भी देने का प्रावधान किया गया है। ऐसा करके खिलाड़ियों को नौकरी नहीं दी जा रही।
ऑस्ट्रेलिया में 21वें कॉमनवेल्थ गेम्स में हरियाणा के 22 खिलाड़ियों ने नौ स्वर्ण, सात रजत और छह 6 कांस्य पदक जीते थे। इसमें 11 ऐसे खिलाड़ी है जो हरियाणा से बाहर विभागों में नौकरी करते है। हरियाणा खेल स्कीम 2015 के तहत कॉमनवेल्थ गेम्स में स्वर्ण पदक विजेता को डेढ़ करोड़, रजत पदक जीतने वाले को 75 लाख और कांस्य पदक हासिल करने वाले 50 लाख रुपये का नगद इनाम मिलेगा।
क्यों हुआ विरोध
हरियाणा खेल विभाग के प्रस्ताव के बाद सरकार ने फैसला किया है कि जो हरियाणा सरकार के विभागों में काम करते हैं उन्हें तो पूरी राशि मिलेगी। जो रेलवे, आर्मी व अन्य विभाग में कार्यरत हैं उन्हें उनके विभाग की तरफ से भी इनामी राशि मिलती है। ऐसे में हरियाणा सरकार उनके विभाग से मिलने वाली इनामी राशि को काटकर बाकी राशि उन खिलाड़ियों को सौंप देगी। हरियाणा सरकार का तर्क है इससे किसी भी खिलाड़ी के साथ अन्याय नहीं होगा और सबको बराबर धन मिलेगा। वहीं इसका विरोध कर रहे एथलीटों का कहना है कि हम जिस विभाग में काम करते हैं उससे मिलने वाली इनामी राशि से हरियाणा सरकार को कोई मतलब नहीं होना चाहिए। हरियाणा को अपने सभी एथलीटों को पूरी राशि मिलनी चाहिए।