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Happy Birthday Sakshi Malik: महज 9 सेकेंड में इतिहास बदलने वाली महिला पहलवान

Happy Birthday Sakshi Malik पहलवान साक्षी मलिक ने भारतीय की महिला कुश्ती को एक नई दिशा देने का काम किया था और रियो ओलंपिक में इतिहास रचा था।

By Vikash GaurEdited By: Published: Thu, 03 Sep 2020 09:30 AM (IST)Updated: Thu, 03 Sep 2020 09:30 AM (IST)
Happy Birthday Sakshi Malik: महज 9 सेकेंड में इतिहास बदलने वाली महिला पहलवान
Happy Birthday Sakshi Malik: महज 9 सेकेंड में इतिहास बदलने वाली महिला पहलवान

नई दिल्ली, जेएनएन। Happy Birthday Sakshi Malik: भारतीय महिला पहलवान साक्षी मलिक आज अपना 28वां जन्मदिन मना रही हैं। साक्षी मलिक भारतीय महिला कुश्ती के इतिहास में एक अलग मुकाम रखती हैं। साक्षी ने पूरी दुनिया में एक अलग पहचान भारत को महिला पहलवानी में दिलाई है। जी हां, भारत के लिए साल 2016 के ओलंपिक खेलों में साक्षी मलिक ने कांस्य पदक जीतकर वो कमाल किया था, जो उनसे पहले कोई नहीं कर पाया था।

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3 सितंबर 1992 को हरियाणा के रोहतक में जन्मीं साक्षी मलिक ने भारत के लिए बतौर महिला पहलवान ओलंपिक में पहला पदक जीतकर इतिहास लिखा था। भारतीय महिला पहलवानी में इस खिलाड़ी ने कामयाबी ऐसी इबारत लिखी है, जिसे कोई तोड़ नहीं सकता, क्योंकि पहली बार पदक जीतना अपने आप में एक इतिहास होता है। भले ही कांस्य पदक ही क्यों न हो। साल 2016 में ब्राजील के रियो डि जेनेरियो में हुए ओलंपिक खेलों में साक्षी ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया था।

साक्षी मलिक ने महिलाओं की फ्रीस्टाइल कुश्ती के 58 किग्रा भार वर्ग में भारत के लिए कांस्य पदक जीतकर इतिहास रचा था। उनसे पहले किसी भी महिला खिलाड़ी को ओलंपिक खेलों में कोई पदक नहीं मिला था। हालांकि, साक्षी मलिक के लिए भी ओलंपिक खेलों में पदक जीतने के सपने को साकार करना आसान नहीं था, क्योंकि उनको 6 घंटे के भीतर चार बार कुश्ती के लिए रिंग में उतरना पड़ा था।

रियो ओलंपिक के क्वार्टर फाइनल में साक्षी मलिक का सामना रूस की पहलवान से हुआ, लेकिन उनको हार झेलनी पड़ी। उस समय ऐसा लगा कि उनके और किसी भारतीय महिला पहलवान के पहला ओलंपिक पदक जीतने की उम्मीद खत्म हो गई, लेकिन कुश्ती के नियमों के मुताबिक साक्षी मलिक को Repechage के जरिए दूसरे राउंड में खेलने का मौका मिला, जहां इस भारतीय पहलवान ने लगातार दो मुकाबले जीतकर भारत के लिए इतिहास रचा।

साक्षी के ऐतिहासिक 9 सकेंड

ओलंपिक मेडल के लिए उतरीं साक्षी मलिक के पदक जीतने वाला मुकाबला काफी मुश्किल था। वह आखिरी मिनटों में कजाकिस्तान की पहलवान एमसी इसानु से काफी पीछे चल रही थी। पहले राउंड में वह 0-5 से पिछड़ गई थीं और खाता भी नहीं खोल सकी थीं। हालांकि, साक्षी ने मैच खत्म होने से चंद मिनट पहले जोरदार खेल दिखाया और स्कोर 5-5 से बराबर कर दिया। इसके बाद आखिरी के 9 सेकेंड में साक्षी मलिक ने फिर से अपना जौहर दिखाते हुए विरोधी पहलवान को धूल चटा दी और दो अहम अंक हासिल कर ओलंपिक मेडल भारत की झोली में डाल दिया।

साक्षी की अन्य उपलब्धियां

2016 में रियो डि जेनेरियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने के अलावा साक्षी मलिक ने अपने करियर में कई और भी पदक हासिल किए हैं। साल 2014 ग्लास्गो में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में साक्षी मलिक ने देश के लिए सिल्वर मेडल जीता था। वहीं, 2018 में गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स में उनको कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था। वहीं, एशियन चैंपियनशिप 2015 दोहा में 60 किलोग्राम भारवर्ग में उनको कांस्य पदक पदक मिला था। 2017 में उन्होंने भारत में हुई एशियन चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता था। इसके अलावा साल 2018 और 2019 की एशियाई चैंपियनशिप में साक्षी मलिक को कांस्य पदक से संतोष करना पड़ा था। साक्षी मलिक से अब उम्मीद है कि वे जल्द गोल्ड मेडल भी हासिल करेंगी।

साक्षी को मिले ये सम्मान

साल 2017 में ओलंपिक खेलों(2016 में) में हासिल की गई उनकी उपलब्धि के लिए साक्षी मलिक को पद्म श्री सम्मान से नवाजा गया था। ये देश का चौथा सबसे बड़ा नागरिक सम्मान है। इसके अलावा साल 2016 में साक्षी मलिक को खेल के सबसे बड़े सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा राज्य सरकार, खेल मंत्रालय और अन्य संस्थानों से उनको अब तक 6 करोड़ रुपये के करीब नकद पुरस्कार भी मिल चुका है।


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