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गुफा में फंसे बच्चों को हो सकती है ये गंभीर बीमारी, 13 मेडिकल टीमें है पूरी तरह तैयार

गुफा में ऑक्सीजन का स्तर गिरने और तूफानी बारिश होने की आशंका के बाद बच्चों को तैराकी सिखाने के लिए समय नहीं रह गया है

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Sun, 08 Jul 2018 01:09 PM (IST)Updated: Sun, 08 Jul 2018 03:01 PM (IST)
गुफा में फंसे बच्चों को हो सकती है ये गंभीर बीमारी, 13 मेडिकल टीमें है पूरी तरह तैयार
गुफा में फंसे बच्चों को हो सकती है ये गंभीर बीमारी, 13 मेडिकल टीमें है पूरी तरह तैयार

चियांग राय, रायटर। फीफा विश्व कप में जब दुनियाभर की टीमें इस खिताब को जीतने के लिए जोर आजमाइश कर रही हैं, तो इस दौरान एक फुटबॉल टीम ऐसी भी है जो पिछले 15 दिनों से उत्तरी थाइलैंड के नेशनल पार्क में स्थित एक गुफा में फंसी हुई है। इस गुफा में रहने से बच्चों को केव डिजीज नाम की बीमारी होने का भी खतरा पैदा हो गया है। थाइलैंड की गुफा में फंसी फुटबॉल टीम के बच्चों को बचाने के लिए के लिए गठित की गई 13 मेडिकल टीमें पूरी तरह से तैयार बैठी हैं। हर टीम के पास अपना हेलीकॉप्टर और एंबुलेंस है।

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चियांग राय प्रांत की तंग गुफा में 23 जून से फंसे 12 स्कूली बच्चे और उनके कोच के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है। गुफा में ऑक्सीजन का स्तर गिरने और तूफानी बारिश होने की आशंका के बाद बच्चों को तैराकी सिखाने के लिए समय नहीं रह गया है। 

हालांकि, इस बीच बच्चों के परिजनों के लिए एक अच्छी खबर है। बचाव दल के प्रमुख से मिली जानकारी के मुताबिक एक बच्चे को आज (रविवार) रात 9 बजे तक (भारतीय समयानुसार) बाहर निकाला जा सकता है।

बता दें कि खिलाड़ियों और उनके कोच को गुफा से बाहर निकालने के मिशन पर 13 विदेशी गोताखोर और पांच थाई नेवी सील के गोताखोरों को भेजा गया है। दो गोताखोर एक बच्चे को बाहर लेकर आ रहे हैं। पहले बच्चे को बाहर आने में 11 घंटे का वक्त लग सकता है। सभी बच्चे एक साथ बाहर नहीं आ पाएंगे, ऑपरेशन दो से 4 दिनों तक चल सकता है। 11 से 16 साल के बच्चे न तो अच्छे तैराक हैं और न ही तंग गुफा से गोता लगाकर निकलने में समर्थ हैं। ऑक्सीजन की कमी के कारण शुक्रवार को नौसेना के एक रिटायर कमांडो की मौत हो चुकी है।

गंभीर बीमारी का शिकार हो सकते हैं बच्चे

अभियान में शामिल एक चिकित्साकर्मी ने बताया कि उनका ध्यान सबसे पहले बच्चों के सांस लेने पर रहेगा। हाइपोथर्मिया और वायु जनित फेफड़े के संक्रमण के लक्षण को केव डिजीज के नाम से जाना जाता है। यह बीमारी चमगादड़ और चिडि़यों के मल से पैदा होती है। यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया गया तो शरीर के दूसरे हिस्से इसकी चपेट में आ जाएंगे।

ऑक्सीजन लाइन बिछाई जा सकती है

अधिकारियों ने ऑक्सीजन लाइन बिछाने की संभावना से इन्कार नहीं किया। यदि अगले कुछ दिनों में प्रयास सफल नहीं हो पाया तो उस स्थिति में यह कदम उठाया जाएगा और मानसून खत्म होने तक बच्चों को गुफा में रखा जाएगा।

कैसी हैं मेडिकल टीमें

म्यांमार से सटी थाइलैंड की उत्तरी सीमा के पास जिस थाम लुआंग गुफा में बच्चे फंसे हैं उसमें भेजी जा रही हर मेडिकल टीम में एक डॉक्टर, दो नर्स, एक पारामेडिकल और एक एंबुलेंस शामिल है। अभियान के प्रभारी और सेना की चिकित्सा विभाग की मेजर जनरल प्रमोटे इमवाट्टना ने यह जानकारी दी।

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क्या करेगी टीम

प्रारंभिक आकलन के बाद समूह एंबुलेंस के माध्यम से अस्थायी हेलीपैड तक पहुंचेगा। वहां से करीब 70 किलोमीटर दूर चियांग राय अस्पताल लाया जाएगा।

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