एशियन गेम्स 1958: जब दुनिया ने देखी फ्लाइंग सिख मिल्खा सिंह की रफ्तार
मिल्खा सिंह ने यहां पर दो स्पर्धाओं 200 मीटर और 400 मीटर में भाग लिया था। दोनों ही स्पर्धाओं में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता।
नई दिल्ली, जेएनएन। 1958 में एशियन गेम्स का आयोजन जापान में हुआ था। इस एशियन गेम्स को मिल्खा सिंह सहित तमाम एथलीटों की वजह से जाना जाता है। मिल्खा के नेतृत्व में एथलेटिक्स के खिलाड़ियों ने भारत को सबसे ज्यादा पदक इस एशियन गेम्स में दिलाए थे। मिल्खा सिंह ने यहां पर दो स्पर्धाओं 200 मीटर और 400 मीटर में भाग लिया था। दोनों ही स्पर्धाओं में मिल्खा ने भारत के लिए स्वर्ण पदक जीता।
इसके अलावा मोहिंदर सिंह ने टिपल जंप में भारत को स्वर्ण पदक, प्रदुमन सिंह बरार ने गोला फेंक में स्वर्ण, बलकार सिंह ने चक्का फेंक में स्वर्ण जीता था। इतना ही नहीं स्टेफी डिसूजा ने 200 मीटर में रजत, एलिजाबेथ ने भाला फेंक में रजत जीता। वहीं, प्रदुमन सिंह ने ही चक्का फेंक में कांस्य पदक जीता था। महिला रिले टीम ने भी चार गुणा 400 मीटर में भारत के लिए कांस्य पदक जीता था।
इन खेलों में भी मिले पदक
एथलेटिक्स के अलावा भारत ने हॉकी, मुक्केबाजी और वॉलीबॉल में भी पदक हासिल किए थे। 57 किग्रा भार वर्ग में मुक्केबाजी में हरि सिंह ने रजत पदक और 60 किग्रा में सुंदर राव ने कांस्य पदक अपने नाम किया। वहीं हॉकी में भारतीय टीम ने रजत जीता, जबकि वॉलीबॉल टीम ने कांस्य पदक हासिल किया था।
कुल 14 पदक भारत के नाम
भारत ने इस एशियन गेम्स में कुल 14 पदक अपने नाम किए थे। इसमें पांच स्वर्ण, चार रजत और पांच कांस्य पदक शामिल थे। 14 पदकों के साथ भारत अंक तालिका में सातवें स्थान पर रहा था। भारत ने एथलेटिक्स में सबसे ज्यादा नौ पदक, मुक्केबाजी में दो, हॉकी में एक, वॉलीबॉल में एक पदक अपने नाम किया था।