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पांच बार के पैरालम्पियन निशानेबाज ने दी अर्जुन पुरस्कार लौटाने की धमकी, क्या है वजह ?

भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे बर्ताव से नाराज पैरालम्पियन निशानेबाज नरेश ने उनको मिले अर्जुन पुरस्कार को वापस करने की धमकी दी है।

By Viplove KumarEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 11:51 AM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 11:51 AM (IST)
पांच बार के पैरालम्पियन निशानेबाज ने दी अर्जुन पुरस्कार लौटाने की धमकी, क्या है वजह ?
पांच बार के पैरालम्पियन निशानेबाज ने दी अर्जुन पुरस्कार लौटाने की धमकी, क्या है वजह ?

नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत की तरफ से पांच बार ओलंपिक में हिस्सा ले चुके पैरालम्पियन निशानेबाज और कोच नरेश कुमार शर्मा भारतीय खेल प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे बर्ताव से बेहद नाराज हैं। नरेश ने गंभीर आरोप लगाते हुए उनको मिले अर्जुन पुरस्कार को वापस करने की धमकी दी है।

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भारतीय खेल प्राधिकरण के बर्ताव से दुखी नरेश शर्मा ने मंगलवार को खेलमंत्री किरण रिजिजू को इस मामले में पत्र लिखकर जानकारी दी है। उन्होंने इस पत्र में उनके साथ किए जा रहे बर्ताव से खेल मंत्री को अवगत कराया है। इसमें उन्होंने खासतौर पर इस बात को लिखा की कैसे विरोध करने के बाद उनपर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए गए।

नरेश ने पत्र में लिखा, ‘मेरे साथ पिछले तीन महीने से भारतीय खेल प्राधिकरण के अधिकारियों द्वारा बहुत ही बुरा बर्ताव किया ज रहा है। इस बात के मैं बेहद दुखी हूं और भारी मन से मैंने अर्जुन पुरस्कार और 50000 रूपये का चेक लौटाने का फैसला किया है।

पैरा निशानेबाज नरेश को साल 1997 में भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार से नवाजा गया था।

नरेश ने अपने खत में लिखा, ‘मैने पांच पैरालम्पिक खेल, चार पैरा एशियाई खेल, विश्व कप और अन्य इंटरनेशनल इवेंट में देश का प्रतिनिधित्व किया है। साई ने पिछले तीन महीनों से मेरे साथ किसी अपराधी जैसा बर्ताव किया है। मेरे खिलाफ एक अपरेंटिस ने यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मैंने रेंज पर किसी निजी कोच को लाए जाने का विरोध करते हुए इसकी मनाही की थी।’

साइ की तरफ से तत्कालीन महानिदेशक नीलम कपूर ने विशाखा गाइडलाइंस के तहत जांच शुरू कराई थी। तब से से अब तक तीन महीने बीच चुके हैं और नरेश रिपोर्ट का इंतजार कर रहे हैं।

शर्मा ने आगे लिखा, ‘अब तक मुझे साइ की तरफ से कोई जवाब नहीं दिया। मेरी नौकरी जा चुकी है और इस वक्त मैं अपने बच्चों के स्कूल की फीस तक नहीं दे पा रहा। देश की तरफ से मैं छठा पैरालम्पिक नहीं खेल पाया। अब तक मेरा व्यवस्था के उपर से भरोसा उठ गया है।’
 


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