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    Preeti Jhangiani Interview: आर्म रेसलर्स को मिला मंच, अब पंजा लड़ाना दोस्तों के बीच तक नहीं रहा सीमित

    By Umesh KumarEdited By: Umesh Kumar
    Updated: Thu, 03 Aug 2023 09:47 AM (IST)

    भारत में पहली बार प्रो पंजा लीग का आयोजन किया गया है। इस लीग में 6 टीमें हिस्सा ले रही हैं। 180 आर्म रेसलर्स एक दूसरे की ताकत की जोर आजमाइश करेंगे। यह टूर्नामेंट 28 जुलाई से दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में खेला जा रहा है। इसका समापन 13 अगस्त को होगा। इस लीग को जीतने वाली टीम को 20 लाख रुपये की प्राइज मनी दी जाएगी।

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    प्रो पंजा लीग की सहमालकिन प्रीति झंगियानी से खास बातचीत।

    नई दिल्ली, उमेश कुमार। बॉलीवुड की गलियों से निकल कर स्पोर्ट्स की दुनिया में कई अभिनेता और अभिनेत्रियों ने अपनी एक अलग पहचान बना ली है। प्रीति जिंटा, शिल्पा शेट्टी, जूही चावला जैसी टॉप क्लास हिरोइनों ने स्पोर्ट्स फ्रेंचाइजियों की बागडोर संभाली हुई है। अब इसमें एक नाम और जुड़ा गया है, वो है प्रीति झंगियानी का। जी हां, 'मोहब्बतें' जैसी मूवी में अभिनय करने वाली प्रीति झंगियानी ने खेलों की दुनिया की तरफ रुख किया है।

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    भारत में पहली बार 28 जुलाई से 13 अगस्त तक प्रो पंजा लीग (Pro Panja League) का आयोजन किया गया है। फिल्म अभिनेत्री और पीपुल्स आर्म रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (PAFI) की अध्यक्ष प्रीति झंगियानी (Preeti Jhangiani) इस लीग की, पति परवीन डबास (Parvin Dabas) के साथ सहमालकिन हैं। जागरण ऑनलाइन मीडिया के खेल संवाददाता उमेश कुमार से प्रीति झंगियानी ने खास बातचीत की। पेश है उसी के मुख्य अंश:-

    बॉलीवुड की गलियों से निकल कर स्पोर्ट्स की दुनिया से जुड़ने का ख्याल कैसे आया?

    - मुझे बॉलीवुड में 20 साल से ज्यादा का समय हो गया है। ये जो स्पोर्ट्स को, ये जो प्रो पंजा लीग है, उसको हम ऐसे देख रहे हैं कि हमने स्पोर्ट्स और एंटटेनमेंट को जोड़ दिया है। वो सिर्फ बोरिंग स्पोर्ट्स देख रहें ऐसा नहीं होगा। हम चाह रहे थे कि जो प्रो पंजा लीग है वो थोड़ा रोमांचक हो, थ्रिलिंग हो देखने में, म्यूजिक हो। इस खेल से जुड़ने का आईडिया परवीन का था। वो जब अपने फ्रेंड्स से भी मिलते थे तो वो हैल्लो नहीं बोलते थे वो बोलते थे, पंजा लड़ाएगा। तो ये उनका पैशन है। ये एक ऐसा खेल है जिसे बच्चे-बच्चे ने खेला है। इसके रूल आसान हैं। इसकी एंट्री लेवल आसान है और भारतीय फैमली को देखने में मजा आता है।

    कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ा, इस प्रो पंजा लीग को शुरू करने में?

    -जब मैंने पहली बार पंजा का मैच देखा तो तभी लगा था कि यह इंडिया में बहुत बड़ा खेल बन सकता है। जैसे-जैसे खेल बढ़ता है आप एक प्लेयर के साथ जुड़ जाते हैं। और आप चाहते हैं वो प्लेयर जीते। यहां तक लाने में बहुत मुश्किलें हुईं, बहुत सारे लोगों को मनाना पड़ा। सबको लगता था कि ये पंजा थोड़े खेल है, चलो खेल भी है तो कौन देखेगा। काफी रिसर्च और काफी उदाहरण देकर, जैसे डॉट्स का गेम है वो यूरोप में मल्टी मिलेनियर लीग बन चुका है। बहुत सारे लोग सोचते थे कि डॉट्स गेम कौन देखेगा, लेकिन आज के समय में वह बहुत बड़ा लीग है। तो उसी की ही तरह पंजा लीग को भी बहुत बड़ा बनाना है।

    प्रो पंजा लीग की शुरुआत करने के पीछे का उद्देश्य क्या है?

    -सारे एथलीट धरती से जुड़े हुए हैं। सब की कुछ ना कुछ कहानियां हैं और बहुत ही मुश्किलों का सामना करके वो एथलीट बने हैं। अब तक उनके पास कोई स्टेज नहीं था। वो लगभग 30 सालों से पंजा खेल रहे हैं। वर्ल्ड और एशियन चैंपियनशिप गेम्स में खेले हैं, लेकिन उन्हें कोई खास पहचान और स्टेज नहीं मिला। तो परवीन और मैं जब किसी स्पोर्ट्स में आना चाह रहे थे तो हम ऐसे ही स्पोर्ट्स में आना चाह रहे थे। जिसमें कोई सपोर्ट नहीं या इतने सारे लोग नहीं जो इस स्पोर्ट्स को सपोर्ट कर रहे हों। हमारी कोशिश होगी की, हम ऐसे स्पोर्ट्स और खिलाड़ियों को खास पहचान दिलाएं।

    क्या क्रिकेट, हॉकी और फुटबॉल जैसे खेलों के लीग के आगे यह खेल अपनी पहचान बना पाएगा?

    -पहले सीजन के पहले ही हमारे सोशल मीडिया और यूट्यूब पर 270 मिलियन से ज्यादा व्यूज आ गए हैं। तो यही बता देता है कि कितने लोग इस खेल को देखना चाहते हैं। हमारे पहले सीजन को देखकर बहुत सारे लोग हमसे जुड़ना चाह रहे हैं। हमारे साथ सुनील शेट्टी जी जुड़ चुके हैं और ये हमारे लिए बहुत बड़ी बात है और हम इससे बहुत खुश हैं।

    क्या क्रिकेट लीग, प्रो-कबड्डी लीग या अन्य लीग से प्रेरित होकर इसकी शुरुआत की गई है?

    -काफी सारे लीग को देखकर हम इंस्पायर्ड भी हुए हैं और जो सारी लीग हैं उनसे हमने सीखा भी है। हमें जो लगा की उनके जो प्लस प्वाइंट्स हैं उनसे सीखा जाए और हम बहुत सारी रिसर्च करके और बहुत धीरे-धीरे बढ़ रहे हैं। क्यों हम नहीं चाहते कोई डाउन फॉल आए। हम उम्मीद करते हैं कि एक दिन इस खेल को भी अन्य खेलों की तरह पहचान मिले।

    महिला खिलाड़ियों को ढूंढने में कितनी दिक्कतें आईं?

    -लीग में बहुत सारी महिला खिलाड़ी हैं और बहुत ताकतवर भी हैं। कोई खास मुश्किल नहीं हुई, इन्हें जोड़ने में। बल्कि हमारे पास तो अभी फोन आते हैं कि कैसे इस लीग से जुड़ सकती हैं। इसमें शामिल महिला एथलीट एशियन और वर्ल्ड चैंपियनशिप में हिस्सा ले चुकी हैं और ले भी रही हैं। फेडरेशन के सदस्यों ने प्रो पंजा लीग को देखा है और वो भी दंग रह गए कि ऑर्म रेसलिंग को इस तरीके से इस स्टेज पर कभी देखा नहीं है।

    कहां-कहां से खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया है?

    -इस खेल में गांव से बहुत सारे खिलाड़ी शामिल हुए हैं। एक खिलाड़ी जिम ट्रेनर हैं, एक खिलाड़ी किसान है, तो वहीं, हमारी एक महिला खिलाड़ी पुलिस में हैं। तो जगह-जगह से छोटे शहर-गांव कस्बे से निकल कर खिलाड़ी आए हैं। साथ ही इसमें वे खिलाड़ी शामिल हुए हैं, जिन्होंने फेडरेशन के तहत नेशनल खेला है। एक रैंक हासिल की है। प्रो पंजा लीग भी हर साल रैंकिंग टूर्नामेंट करेगा, लेकिन खिलाड़ी फेडरेशन के तहत ही चुने जाएंगे।

    खिलाड़ियों के चुनाव का तरीका क्या है, कैसे उन्हें लीग के साथ जोड़ा गया है?

    -हमने खिलाड़ियों के लिए ग्वालियर में एक टूर्नामेंट किया था। जहां पर हमने, जो खिलाड़ी टॉप रहे, जिन्होंने रैंक किया, टॉप सीड्स रहे तो वहां से हमने 180 खिलाड़ियों को चुना। 6 टीम में 30 एथलीट शामिल हैं। इस साल ड्रॉफ्ट सिस्टम किया गया है। जो टीम ओनर्स हैं, उन्होंने अपने खिलाड़ियों को चुना है। पहले और दूसरे सीजन तक ड्रॉफ्ट सिस्टम ही रहेगा, तीसरे सीजन में हम प्लेयर ऑक्शन चालू करेंगे। हम तीसरे सीजन में विदेशी खिलाड़ियों को भी खेल का हिस्सा बनाएंगे।

    क्रिकेट या अन्य खेलों की लीग की ही तरह क्या प्रो पंजा के खिलाड़ियों को भी पेमेंट मिलेगी?

    - जरूर, टॉप सीड्स के खिलाड़ियों को पेमेंट दी जाएगी। और ये पहला ऐसा लीग है। जिसमें पुरुष, महिला और स्पेशल कैटेगरी के खिलाड़ियों को एक समान पेमेंट दी जाएगी। इस पहले सीजन में हमने सभी की सैलरी फिक्स रखी है। तीसरे साल जब ऑक्शन होगा तो टीम ऑनर्स उन्हें साइन करेंगे। यहां पर 6 वेट कैटेगरी पुरुष की है, 3 वेट कैटेगरी महिलाओं की है और एक वेट कैटेगरी स्पेशल एबल की है। वेट कैटेगरी और बढ़ाएंगे, लेकिन सीजन-सीजन पर निर्भर करेगा। अभी सभी के लिए पे लेबल समान रखा गया है।