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EXCLUSIVE INTERVIEW: मैं ओलिंपिक में पदक जीतकर देश को कुछ देना चाहता हूं : के श्रीकांत

दैनिक जागरण से बात करते हुए के श्रीकांत ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि दो सिंगल्स भारतीय खिलाड़ी पहली बार विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में खेल रहे थे। दूसरी तरफ यह था कि फाइनल में पहुंचने के लिए लक्ष्य को हराना ही होगा।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Wed, 22 Dec 2021 01:00 AM (IST)Updated: Wed, 22 Dec 2021 01:00 AM (IST)
EXCLUSIVE INTERVIEW: मैं ओलिंपिक में पदक जीतकर देश को कुछ देना चाहता हूं : के श्रीकांत
भारतीय स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी के श्रीकांत (एपी फोटो)

विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले भारतीय स्टार बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत का कहना है कि वह ओलिंपिक में पदक जीतकर देश को कुछ देना चाहते हैं। 28 वर्षीय श्रीकांत ओलिंपिक और एशियन गेम्स को छोड़कर सभी बड़े टूर्नामेंटों में पदक जीत चुके हैं। विश्व चैंपियनशिप, अपने खेल और भविष्य की योजना को लेकर किदांबी श्रीकांत से अभिषेक त्रिपाठी ने खास बातचीत की। पेश हैं मुख्य अंश :

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- रजत पाने की खुशी है या स्वर्ण नहीं पाने का दुख है?

-- दोनों हैं। मैंने फाइनल के लिए बहुत मेहनत की थी, लेकिन मैं स्वर्ण नहीं जीत सका। लेकिन, मैं खुश हूं कि मैंने रजत पदक जीता।

- सिंगापुर के खिलाड़ी लोह कीन यू ने आपको फाइनल में हराया और उन्होंने कहा कि आप बहुत ही आक्रामक खिलाड़ी हैं। आपके शाट्स को डिफेंड करने के लिए उन्होंने काफी तैयारियां की थीं। आप इसे कैसे देखते हैं कि जो स्वर्ण जीत रहा है वह भी आपकी तारीफ कर रहा है?

-- यह अच्छा मैच रहा। फाइनल हमेशा उच्च स्तर का मैच होता है। दोनों खिलाडि़यों ने अच्छे से यह मैच खेला। मेरे पास भी फाइनल जीतने का मौका था और यह मैच अच्छे से खत्म कर सकता था। लेकिन, जीत का श्रेय लोह कीन यू को जाता है क्योंकि उन्होंने मुझसे भी अच्छा मैच खेला। कई मुकाबलों में हमारा एक-दूसरे से सामना हो चुका है।

- पहला गेम 15-21 और दूसरा गेम 20-22 से हारने के दौरान आप शुरुआत में अच्छा खेलते दिख रहे थे, लेकिन फिर आपसे गलतियां हुई और आप हार गए। इस दौरान आपके दिमाग में क्या चल रहा था?

-- मुझे लगा कि मैं पहले गेम में गलतियां ज्यादा कर रहा हूं और दूसरे गेम में उसने शानदार वापसी की और मुझसे एक-दो ऐसी गलतियां हुई, जिसने अंतर पैदा किया।

- सेमीफाइनल में आपका और लक्ष्य सेन का मुकाबला होने से यह पहले ही तय हो गया था कि विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के फाइनल में पहली बार कोई भारतीय पहुंचेगा और इस पर भारतीय होने के नाते आपको कितना गर्व महसूस हो रहा था। साथ ही लक्ष्य को भी हराना है?

- मैं बहुत खुश हूं कि दो सिंगल्स भारतीय खिलाड़ी पहली बार विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में खेल रहे थे और वो भी एक ही वर्ष में। दूसरी तरफ यह था कि फाइनल में पहुंचने के लिए लक्ष्य को हराना ही होगा।

-- ये मैंने भारत के लिए पहली बार ऐसा किया है या ऐसा करने वाला पहला भारतीय हूं, ये लाइनें किसी खिलाड़ी को क्या महसूस कराती हैं?

-- मैं इस तरह की चीजों पर ध्यान नहीं देता। मेरे लिए महत्वपूर्ण यह है कि टूर्नामेंट कैसे जीतना है और देश के लिए पदक जीतने हैं।

- ओलिंपिक में पदक नहीं मिला। जब किसी खिलाड़ी को ओलिंपिक में पदक नहीं मिलता तो इसके बारे में लोग या खिलाड़ी क्या सोचते हैं?

-- ओलिंपिक बहुत ही बड़ा टूर्नामेंट है। ओलिंपिक किसी खिलाड़ी का सफर समाप्त नहीं करता है। यह महत्वपूर्ण है कि ओलिंपिक के बाद भी कई बड़े टूर्नामेंट होते हैं और उनके लिए भी कड़ी मेहनत करनी होती है। मैं जिस भी टूर्नामेंट में हिस्सा लेता हूं तो कोशिश रहती है कि शानदार प्रदर्शन करूं।

- गोपीचंद ने कहा है कि अगर श्रीकांत को बड़े टूर्नामेंट जीतने हैं तो कुछ चीजों में सुधार करना होगा। तो क्या किन चीजों पर आपको सुधार करने की जरूरत है?

-- इस समय, मुझे इस बारे में कुछ नहीं पता। हां, मैं गोपी सर के साथ बैठूंगा और उनसे प्रतिक्रिया लूंगा और मैचों का विश्लेषण करूंगा। कुछ कमी और कमजोरी होगी, लेकिन व्यक्तिगत रूप से मैंने ऐसा कुछ नहीं देखा क्योंकि मैं खुद खेल रहा था तो मैंने ऐसा कोई कमजोर पक्ष नहीं देखा। लेकिन मैं अगले टूर्नामेंटों में इन चीजों पर जरूर काम करूंगा।

- जब आप दोनों के बीच कड़ा दूसरा गेम चल रहा था तब आपके दिमाग में क्या चल रहा था कि क्या मैं यह गेम जीतकर तीसरे गेम में ले जा सकता हूं। उस समय एक खिलाड़ी के दिमाग में क्या चल रहा होता है?

-- मुझे हर किसी खिलाड़ी के बारे में नहीं पता। लेकिन व्यक्तिगत तौर पर मैं सिर्फ अगले अंक के बारे में सोचता हूं। मैं तीसरे गेम में पहुंचने या दूसरे गेम को जीतने जैसी चीजों के बारे में नहीं सोचता हूं। मैं सिर्फ अगले अंक को जीतने के बारे में सोचता हूं।

- साइना नेहवाल, पीवी सिंधू, किदांबी श्रीकांत, लक्ष्य सेन, बी साई प्रणीत और एचएस प्रणय जो इतने खिलाड़ी आए हैं तो उससे भारतीय बैडमिंटन को जानने लगे हैं तो आपने बैडमिंटन को कैसे बदलते देखा हैं और क्या बदलाव होने चाहिए?

-- मुझे लगता है कि हमारे पास कुछ अच्छे खिलाड़ी हैं लेकिन महत्वपूर्ण यह है कि निरंतरता होना जरूरी है। पिछले कुछ सप्ताह में खिलाडि़यों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। इंडोनेशिया ओपन और विश्व चैंपियनशिप में अच्छा किया है लेकिन निरंतरता जरूरी है। 2022 में कई टूर्नामेंट हैं। मुझे लगता है कि 20 या 25 टूर्नामेंट होंगे। अगर हर कोई निरंतरता बनाए रखता है तो अच्छे नतीजे देखने को मिलेंगे।

- आपने लक्ष्य सेन को सेमीफाइनल में हराया। उनके खेल के बारे में क्या कहेंगे?

-- मुझे लगता है कि वह अभी बहुत युवा हैं, लेकिन पिछले कुछ महीनों में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया है। महत्वपूर्ण यह है कि उच्च स्तर तक आने के लिए वह निरंतरता कैसे बनाए रखते हैं। मुझे उम्मीद है कि वह निरंतरता बनाए रखेंगे और अच्छे खिलाड़ी बनेंगे।

- आपने भी देखा होगा कि हमारे देश में जो ओलिंपिक में पदक जीत लेता है तो उसे अलग ही सम्मान मिलता है और नया खिलाड़ी बनकर उभरता है। अब ओलिंपिक ज्यादा दूर नहीं है तो आपके दिमाग में पदक जीतने को लेकर क्या चल रहा है?

-- मुझे उन चीजों से कोई मतलब नहीं है। मुझे बस ओलिंपिक में पदक जीतने से मतलब है। मैं ओलिंपिक में पदक जीतना चाहता हूं। मैं हमेशा से ओलिंपिक पदक जीतना चाहता हूं क्योंकि मेरा मानना है कि इससे मैंने अपने देश को कुछ दिया है। मैं ओलिंपिक में पदक इसलिए नहीं चाहता हूं कि उसके साथ में कई चीजें जुड़ी हैं।

- आप यहां तक पहुंचे हैं, अपने सफर में कैसे देखते हैं। जिन लोगों ने आपकी मदद की उनके बारे में कुछ कहना चाहेंगे?

-- फिजियो, ट्रेनर, कोच, अकादमी, भारतीय बैडमिंटन महासंघ, भारतीय खेल प्राधिकरण, टाप्स, सरकार हर किसी ने मेरा काफी समर्थन किया है। पिछले कुछ साल में कोरोना और मुश्किल परिस्थितियों में मुझे बहुत साथ मिला। मैं उन सभी का धन्यवाद करना चाहता हूं।

- 2022 को लेकर आपकी क्या योजना है क्योंकि अधिक टूर्नामेंट होने हैं?

-- यह बहुत चुनौतीपूर्ण है क्योंकि कई बड़े टूर्नामेंट हैं, लेकिन मैं काम का प्रबंध करूंगा। मैं इन टूर्नामेंट में अपनी रैंकिंग को कायम रखने की कोशिश करूंगा। मैं खुद को फिट रखने का प्रयास करूंगा ताकि कामनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स और विश्व चैंपियनशिप में पदक जीत सकूं।


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