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पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल के घर में चोरी, लाखों रुपये समेत पद्मश्री पुरस्कार चुराया

प्रेमलता को 2013 में पद्मश्री का पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। चोरों ने नगद 20 हजार रूपये चांदी के 15 सिक्के और कम्पूयटर के दो हार्ड डिस्क सहित लाखों के सामान चुरा ले गए

By Viplove KumarEdited By: Published: Mon, 15 Jun 2020 05:20 PM (IST)Updated: Mon, 15 Jun 2020 05:20 PM (IST)
पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल के घर में चोरी, लाखों रुपये समेत पद्मश्री पुरस्कार चुराया
पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल के घर में चोरी, लाखों रुपये समेत पद्मश्री पुरस्कार चुराया

जमशेदपुर, जेएनएन। देश की जानी-मानी पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल के घर से चोरों ने पद्मश्री पुरस्कार सहित लाखों रुपये के सामना उड़ा ले गए। यह चोरी प्रेमलता अग्रवाल के कदमा आवास (71 केडी फ्लैट) में से हुई है। इस घटना में पर्वतारोही प्रेमलता अग्रवाल को भारत सरकार से मिला पद्मश्री अवार्ड भी चोरी हो गया है।

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इन्हें 2013 में पद्मश्री का पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। इसके अलावा चोरों ने नगद 20 हजार रूपये, चांदी के 15 सिक्के और कम्पूयटर के दो हार्ड डिस्क सहित लाखों के सामान चुरा ले गए। घटना की रात घर पर कोई नहीं था। प्रेमलता अग्रवाल अपने परिवार के साथ दूसरे आवास पर थी।

 

सोमवार की सुबह पांच बजे चोरी की घटना की जानकारी मिलने पर सिटी एसपी सुभाषचंद्र पहुंचे और जांच शुरू की। इस संबंध में प्रेमलता के पति विमल अग्रवाल के बयान पर कदमा थाना में अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।

विमल अग्रवाल ने पुलिस को बताया कि सोमवार की सुबह पांच बजे जब वे अपने 71 केडी फ्लैट आवास पर पहुंचे तो देखा कि मुख्य दरवाजा का कुछ हिस्सा टूटा हुआ है। ताला खोलकर घर के अंदर प्रवेश करने पर देखा कि मुख्य दरवाजा के ऊपर रोशनदान टूटा हुआ है। अंदर के कमरे का शीशा तोड़कर चोरी की घटना को अंजाम दिया गया।

गौरतलब है कि प्रेमलता अग्रवाल भारत की पहली उम्रदराज महिला हैं, जिन्होंने 48 साल की उम्र 20 मई 2011 को एवरेस्ट का शिखर छुआ था। वहीं 50 वर्ष की उम्र में 23 मई 2013 को उत्तरी अमेरिका के अलास्का के माउंट मैकेनले को फतह करके उन्होने नई उपलब्धि हासिल की। इस पर्वत शिखर पर चढ़ने वाली वह पहली भारतीय महिला हैं।

सातों महाद्वीपों के शिखर पर चढ़ने वाली प्रेमलता एक कुशल गृहिणी हैं। उन्होने ३५ बरस की उम्र के बाद पहली बार पर्वतारोहण से नाता जोड़ा। वर्ष 1984 में लगभग 29 साल की उम्र में एवरेस्ट पर चढ़ने वाली पहली भारतीय महिला का गौरव हासिल करने वाली बछेंद्री पाल भी उनके अभियान की निगरानी कर रही थी। बछेंद्री के प्रोत्साहित किए जाने पर उन्होंने दार्जिलिंग से पर्वतारोहण की शिक्षा प्राप्त की है। 


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