Commonwealth Games 2022: 4 साल की उम्र में शुरू किया था खेलना, टेबल टेनिस के सरताज अचंता की कामयाबी का सफर जारी
शरद के पिता श्रीनिवास राव और चाचा मुरलीधर राव ने टेबल टेनिस खेल चुके हैं। 15 साल की उम्र में शरत ने जीवन का सबसे अहम फैसला लिया। उन्होंने इंजीनियरिंग के बजाय टेबल टेनिस में करियर बनाने का फैसला किया और उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारत के शीर्ष टेबल टेनिस खिलाड़ी अचंता शरत कमल का जन्म 12 जुलाई 1982 को चेन्नई में हुआ था। वह नौ बार सीनियर नेशनल चैंपियन बनने वाले पहले भारतीय टेबल टेनिस खिलाड़ी हैं। उन्होंने केवल चार साल की उम्र में टेबल टेनिस में कदम रखा था। टेबिल टेनिस शरक के परिवार के खून में है। उनके पिता श्रीनिवास राव और चाचा मुरलीधर राव ने टेबल टेनिस खेल चुके हैं। 15 साल की उम्र में शरत ने जीवन का सबसे अहम फैसला लिया। उन्होंने इंजीनियरिंग के बजाय टेबल टेनिस में करियर बनाने का फैसला किया और उनकी जिंदगी हमेशा के लिए बदल गई।
शुरुआत में शरत में निरंतरता की कमी थी। 2002 के राष्ट्रमंडल खेलों के लिए 16 सदस्यीय संभावित टीम में शामिल होने के बाद उनका करियर ही बदल गया। तब से उन्होंने कई प्रतियोगिताएं जीती हैं। 2019 में शरत ने करियर की सर्वश्रेष्ठ रैंकिंग 30 हासिल की और अगले वर्ष अपना दूसरा अंतरराष्ट्रीय खिताब ओमान ओपन अपने नाम किया। वर्तमान में इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन में एक अधिकारी के रूप में कार्यरत शरत ने एथेंस में 2004, बीजिंग में 2008 और रियो में 2016 ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया है। उन्होंने कतर में 2006 के एशियाई खेलों में भी देश का प्रतिनिधित्व किया है।
शरत कमल की उपलब्धियां
2018 कॉमनवेल्थ गेम्स (गोल्ड कोस्ट)- ब्रॉन्ज (मिक्सड डबल्स)
2018 कॉमनवेल्थ गेम्स (गोल्ड कोस्ट)- ब्रॉन्ज (मैंस सिंगल्स)
2018 कॉमनवेल्थ गेम्स (गोल्ड कोस्ट)- सिल्वर (मैंस डबल्स)
2018 कॉमनवेल्थ गेम्स (गोल्ड कोस्ट)- गोल्ड (मैंस टीम)
2010 कॉमनवेल्थ गेम्स (दिल्ली)- ब्रॉन्ज (मैंस टीम)
2010 कॉमनवेल्थ गेम्स (दिल्ली)- गोल्ड (मैंस डबल्स)
2006 कॉमनवेल्थ गेम्स (मेलबर्न)- गोल्ड (मैंस टीम)
2006 कॉमनवेल्थ गेम्स (मेलबर्न)- गोल्ड (मैंस सिंगल्स)
अचंता शरत कमल को 2004 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया और 2019 में उन्हें भारत का चौथा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म श्री मिला।