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Commonwealth Games 2022: आलोचना का जवाब देना कोई निकहत से सीखे, बातों से नहीं मुक्केबाजी से करती हैं बोलती बंद

निकहत जरीन का जन्म तेलंगाना के निजामाबाद में 14 जून 1996 को हुआ। पिता मुहम्मद जमील अहमद और माता परवीन सुल्ताना के घर में जन्मी इस भारतीय स्टार ने 13 साल की उम्र में बाक्सिंग ग्ल्बस को हाथों बांधा था।

By Viplove KumarEdited By: Published: Wed, 27 Jul 2022 05:01 PM (IST)Updated: Sun, 07 Aug 2022 10:59 PM (IST)
Commonwealth Games 2022: आलोचना का जवाब देना कोई निकहत से सीखे, बातों से नहीं मुक्केबाजी से करती हैं बोलती बंद
Commonwealth Games Nikhat Zareen World championship -photo twitter

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। भारतीय महिला मुक्केबाजी में बेहद धीमे कदम से तेजी से आगे बढ़ने वाले नामों में निकहत जरीन की नाम आता है। इस्तानबुल में महिला विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के फाइनल में थाईलैंड की मुक्केबाज जुतामास जितपोंग को मात देकर इस खिलाड़ी ने वर्ल्ड चैंपियन बनने का कमाल कर दिखाया। कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में इस भारतीय धुरंधर ने देश को गोल्ड मेडल दिलाया।

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कौन हैं निकहत जरीन

निखत जरीन का जन्म तेलंगाना के निजामाबाद में 14 जून 1996 को हुआ। पिता मुहम्मद जमील अहमद और माता परवीन सुल्ताना के घर में जन्मी इस भारतीय स्टार ने 13 साल की उम्र में बाक्सिंग ग्ल्बस को हाथों बांधा था। भारतीय मुक्केबाजी की लीजेंड एमसी मैरीकाम को जरीन अपना आदर्श मानती हैं। उनके खेल से प्रेरणा लेने वाली इस मुक्केबाज ने अपने आदर्श की तरह ही भारत को विश्व मुक्केबाजी महिला चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल दिलाया।

साल 2010 में निकहत ने अपना पहला गोल्ड मेडल नेशनल सब जूनियर मीट में जीता था। उसके बाद तुर्की में साल 2011 में महिला जूनियर और यूथ वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में फ्लाइवेट में निखत ने पहली बार देश के लिए किसी इंटरनेशनल टूर्नामेंट में गोल्ड मेडल जीता। साल 2011 के 15 साल की उम्र में इस मुक्केबाज ने एआईबीए महिला युवा और जूनियर विश्व चैंपियनशिप में भारत के लिए गोल्ड मेडल हासिल किया।

दो साल बाद साल 2013 में बुल्गारिया के निकहत ने एक बार फिर मुक्केबाजी का जौहर दिखाया और महिला जूनियर और युवा विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल जीता। साल 2014 में निखत ने 51 किलो वर्ग में सर्बिया में आयोजित तीसरे नेशन्स कप इंटरनेशनल मुक्केबाजी टूर्नामेंट में गोल्ड अपने नाम किया। साल बाद थाइलैंड ओपन इंटरनेशनल में सिल्वर मेडल भारत की झोली में डाला। साल 2019 में बैंकाक में आयोजित थाइलैंड ओपन इंटरनेशनल बॉक्सिंग टूर्नामेंट में उन्होंने सिल्वर मेडल हासिल किया।


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