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Commonwealth Games 2022: पिता थे कराटे प्रशिक्षक, लेकिन टाइसन से प्रभावित होकर शिव थापा बने बाक्सर

शिवा थापा पर माइक टाइसन का काफी प्रभाव था और उनसे प्रेरित होकर ही वो मुक्केबाज बने। अपनी प्रैक्टिस और पढ़ाई को मैनेज करने के लिए शिवा थापा सुबह तीन बजे ही उठ जाते थे और कड़ी मेहनत करते थे।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Thu, 28 Jul 2022 07:06 AM (IST)Updated: Thu, 28 Jul 2022 07:06 AM (IST)
Commonwealth Games 2022: पिता थे कराटे प्रशिक्षक, लेकिन टाइसन से प्रभावित होकर शिव थापा बने बाक्सर
भारत के पुरुष बाक्सर शिवा थापा (एपी फोटो)

नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। शिवा थापा के पिता कराटे पशिक्षक थे, लेकिन उनकी रूचि कभी भी इस खेल में नहीं रही क्योंकि वो माइक टाइसन को पसंद करते थे। इसके बाद मुक्केबाजी सिर्फ उनकी पसंद नहीं बल्कि उनका करियर बन गया और शिवा थापा अब भारतीय बाक्सिंग दुनिया के जाने-माने नाम हैं। 28 साल के शिवा थापा ने साल 2012 में लंदन ओलिंपिक में हिस्सा लिया था और वो भारत की तरफ से ओलिंपिक में क्वालीफाई करने वाले पहले भारतीय मुक्केबाज बने थे। थापा एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल जीतने वाले तीसरे भारतीय बाक्सर हैं तो वहीं वो वर्ल्ड बाक्सिंग चैंपियनशिप में भारत के लिए मेडल जीतने वाले तीसरे बाक्सर भी हैं। 

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टाइसन से प्रेरित होकर शिवा थापा बने बाक्सर

शिवा थापा का जन्म 8 दिसंबर 1993 को हुआ था और वो अपने छह भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं। उनके पिता गुवाहाटी में कराटे प्रशिक्षक हैं। वहीं उनके बड़े भाई गोबिंद थापा असम में राज्य स्तरीय पदक विजेता मुक्केबाज थे। शिवा थापा पर माइक टाइसन का काफी प्रभाव था और उनसे प्रेरित होकर ही वो मुक्केबाज बने। अपनी प्रैक्टिस और पढ़ाई को मैनेज करने के लिए शिवा थापा सुबह तीन बजे ही उठ जाते थे और कड़ी मेहनत करते थे।  

शिवा थापा की उपलब्धियां

शिवा थापा ने 2012 में अस्ताना, कजाकिस्तान में आयोजित एशियाई ओलिंपिग क्वालीफायर में सीरिया के वेसम सलामाना को 18-11 से हराकर गोल्ड मेडल जीता था और इसके बाद 56 किलोग्राम भारवर्ग में 2012 में लंदन ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई किया था। थापा ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले सबसे कम उम्र के भारतीय मुक्केबाज हैं। हालांकि लंदन ओलिंपिक में वो पहले ही दौर से वो 9-14 से हारकर प्रतियोगिता से बाहर हो गए थे। 

शिवा थापा ने 2015 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में दोहा में ब्रान्ज मेडल जीता था और ऐसा कमाल करने वाले तीसरे भारतीय बाक्सर बने थे। वहीं 2013 एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया था। इसके बाद एशियन चैंपियनशिप में उन्होंने 2015 में ब्रान्ज, 2017 में सिल्वर, 2019 में ब्रान्ज और 2021 में दुबई में सिल्वर मेडल जीता है। शिवा थापा को साल 2016 में अर्जुन पुरस्कार से नवाजा जा चुका है। 


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