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केंद्रीय खेलमंत्री राज्यवर्धन राठौर के पत्र पर चौहान गंभीर नहीं

चेतन ने कहा कि पहले केंद्र सरकार IOA और NSF में NSDCI को लागू कराए। मुझे केंद्रीय खेल मंत्री के पत्र की जानकारी नहीं है।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Tue, 12 Jun 2018 10:17 AM (IST)Updated: Wed, 13 Jun 2018 10:39 AM (IST)
केंद्रीय खेलमंत्री राज्यवर्धन राठौर के पत्र पर चौहान गंभीर नहीं
केंद्रीय खेलमंत्री राज्यवर्धन राठौर के पत्र पर चौहान गंभीर नहीं

जागरण संवाददाता, लखनऊ। केंद्रीय खेल मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने भारतीय ओलंपिक संघ (आइओए) और राष्ट्रीय खेल संघों (एनएसएफ) के तहत आने वाले सभी राज्य संघों और जिला संघों में नेशनल स्पो‌र्ट्स डेवलपमेंट कोड ऑफ इंडिया (एनएसडीसीआइ) लागू करने के लिए सभी 29 राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उप राज्यपालों को खत लिखा है, लेकिन उत्तर प्रदेश के खेल मंत्री चेतन चौहान ने इसे लागू करने से इन्कार कर दिया। लखनऊ में एक कार्यक्रम के दौरान पूर्व क्रिकेटर चेतन चौहान ने कहा कि एनएसडीसीआइ सिर्फ दिशा-निर्देश भर है। इसे संसद से कानून नहीं बनाया गया है। इसे फिलहाल प्रदेश में लागू नहीं किया जा सकता। चौहान ने केंद्रीय मंत्री के पत्र के जवाब देने पर चुप्पी साध ली।

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चेतन ने कहा कि पहले केंद्र सरकार आइओए और एनएसएफ में एनएसडीसीआइ को लागू कराए। मुझे केंद्रीय खेल मंत्री के पत्र की जानकारी नहीं है। व्यक्तिगत रूप से मुझे एनएसडीसीआइ के कुछ प्रावधानों पर आपत्ति है, लेकिन कुछ का मैं समर्थन करता हूं। खेल प्रशासन में हमारे सामने बीसीसीआइ एक मिसाल है। उसके पास पेशेवर प्रबंधन है। उसके पदाधिकारी अपना सारा समय बीसीसीआइ को ही देते हैं। चौहान से जब पूछा गया कि इस बारे में क्या उनका विभाग और अधिकारी विचार कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि मुझे ऐसा नहीं लगता। संसद में इस पर विचार होगा। आइओए इस पर केंद्र सरकार से बात करे। राज्य खेल संघ आइओए और एनएसएफ के तहत आते हैं। उन्हें बात करनी चाहिए। चौहान ने बीसीसीआइ को खेल प्रशासन का आदर्श बता दिया।

बीसीसीआइ खेल मंत्रालय और खेल बिल के अंतर्गत आने को तैयार नहीं है। यहां तक कि वह सूचना के अधिकार (आरटीआइ) को अपने यहां लागू करने से इन्कार कर चुकी है। चेतन ने कहा कि बीसीसीआइ को देखिए। मेरे ख्याल से वह आदर्श है। उसके पदाधिकारी पूरा समय बोर्ड को देते हैं। मैंने जब पहला टेस्ट मैच खेला तो मुझे 750 रुपये मिले थे। उस जमाने में बड़ी रकम थी। 1981 में आखिरी टेस्ट मैच में मुझे 25500 रुपये मिले थे। उन्होंने खेल को पैसे से जोड़ा। चौहान जिस बीसीसीआइ को रोल मॉडल बता रहे हैं, वह सुप्रीम कोर्ट के निशाने पर है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रशासकों की समिति (सीओए) को बोर्ड को चलाने के लिए नियुक्त किया हुआ है।

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