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क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड के आरोप में घिरे बॉक्सर मेवेदर, अमेरिकी सिक्योरिटी एक्सचेंज ने लगाया आरोप

बॉक्सर फ्लायड मेवेदर जूनियर पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है।

By Sanjay SavernEdited By: Published: Fri, 30 Nov 2018 06:32 PM (IST)Updated: Fri, 30 Nov 2018 06:32 PM (IST)
क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड के आरोप में घिरे बॉक्सर मेवेदर, अमेरिकी सिक्योरिटी एक्सचेंज ने लगाया आरोप
क्रिप्टोकरेंसी फ्रॉड के आरोप में घिरे बॉक्सर मेवेदर, अमेरिकी सिक्योरिटी एक्सचेंज ने लगाया आरोप

वाशिंगटन, आइएएनएस। म्यूजिक प्रोड्यूसर डीजे खालिद और बॉक्सर फ्लायड मेवेदर जूनियर पर धोखाधड़ी का आरोप लगा है। अमेरिका के सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) ने दोनों पर कमाई की बात छुपाते हुए इनीशियल क्रिप्टोकरेंसी कॉइन ऑफरिंग (आइसीओ) में निवेश को प्रोत्साहित करने का आरोप लगाया है।

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बाजार नियामक एसईसी ने बताया कि आइसीओ के जरिये बेची गई क्रिप्टोकरेंसी अपने आप में सिक्योरिटीज हैं और इन पर फेडरल सिक्योरिटीज लॉ लागू होता है। एसईसी के साथ खालिद और मेवेदर दोनों ने इस बात पर सहमति जताई थी कि वे डिजिटल सिक्योरिटी समेत किसी भी सिक्योरिटी में निवेश को प्रोत्साहित नहीं करेंगे। खालिद ने दो साल और मेवेदर ने तीन साल तक इनसे दूर रहने की बात कही थी। उन्होंने सिक्योरिटीज के प्रमोशन से मिला पैसा एसईसी को वापस करने और जुर्माना चुकाने पर भी सहमति जताई थी।

एसईसी ने बताया कि मेवेदर ने आइसीओ जारी करने वाली तीन फर्मो से मिले तीन लाख डॉलर के बारे में जानकारी छुपाई थी। इन तीन फर्मो में से एक सेंट्रा टेक है, जिससे मेवेदर को एक लाख डॉलर मिले थे। इसी कंपनी से मिले 50,000 डॉलर की जानकारी खालिद ने छुपाई थी। खालिद ने आइसीओ में निवेश को गेम चेंजर बताकर लोगों को इसके लिए प्रोत्साहित किया था। वहीं मेवेदर ने अपने प्रशंसकों को आइसीओ में पैसा लगाने के लिए प्रोत्साहित किया था। एसईसी ने इस मामले में सेंट्रा टेक पर भी आरोप लगाया है। सेंट्रा पर आरोप है कि उसने जाली आइसीओ जारी किया था। एसईसी ने पहली बार आइसीओ में निवेश प्रोत्साहित करने के मामले में किसी पर मामला दर्ज किया है।

क्या है क्रिप्टोकरेंसी?

क्रिप्टोकरेंसी एक वर्चुअल अर्थात आभासी मुद्रा है। इसकी कोई भौतिक उपस्थिति नहीं होती। यह कंप्यूटर प्रोग्राम के जरिये काम करता है। इसके लेनदेन में सॉफ्टवेयर कोड को मुद्रा की तरह इस्तेमाल किया जाता है। जैसे शेयर बाजार में कंपनियां आइपीओ लाती हैं, उसी तरह क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी कंपनियां आइसीओ के जरिये पैसा जुटाती हैं। अब तक किसी देश ने क्रिप्टोकरेंसी को आधिकारिक मुद्रा की तरह मान्यता नहीं दी है और बहुत से देशों ने इसमें लेनदेन पर भी प्रतिबंध लगाया हुआ है।


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