World wrestling championship में तीन बार पदक जीत चुके बजरंग पूनिया ने कुश्ती को राष्ट्रीय खेल बनाने की मांग की
बजरंग पूनिया ने कुश्ती को राष्ट्रीय खेल घोषित करने की अपील की।
नई दिल्ली, जेएनएन। विश्व चैंपियनशिप में तीन बार के पदक विजेता बजरंग पूनिया ने कुश्ती को राष्ट्रीय खेल घोषित करने की अपील की क्योंकि भारतीय पहलवान बड़े टूर्नामेंट में लगातार पदक जीत रहे हैं।
भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआइ) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह ने सोमवार को एक कार्यक्रम में खेल मंत्री किरन रिजिजू की मौजूदगी में कुश्ती को राष्ट्रीय खेल बनाने का विचार रखा था जिसका ओलंपिक में दो बार के पदक विजेता सुशील कुमार ने समर्थन किया था। बजरंग ने कहा, 'मेरा भी मानना है कि कुश्ती को राष्ट्रीय खेल बनाया जाना चाहिए क्योंकि यह एक ऐसा खेल है जिसमें हम विश्व चैंपियनशिप और ओलंपिक में लगातार पदक जीत रहे हैं।'
इस पर रिजिजू ने कहा, 'खेल मंत्री होने के नाते मुझे सभी खेलों को समान महत्व देना होगा। मैं भेदभाव नहीं कर सकता। कुश्ती भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण है और इसने भारतीय तिरंगा ऊंचा रखा है। हमें सभी ओलंपिक खेलों के साथ-साथ गैर ओलंपिक और पारंपरिक खेलों को भी महत्व देना होगा लेकिन किसी खेल को राष्ट्रीय खेल घोषित करना, यह बेहद भावनात्मक और आलोचनात्मक मामला है इसलिए खेल मंत्री होने के नाते मुझे किसी मांग के आधार पर घोषणा या फैसला नहीं करना चाहिए। मैं इस मामले पर चर्चा करके बेवजह का विवाद पैदा नहीं करना चाहता हूं।'
रिजिजू ने किया सम्मानित : खेल मंत्री रिजिजू ने विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले पहलवानों को मंगलवार को पुरस्कार राशि का चेक देकर सम्मानित किया। रजत पदक जीतने वाले दीपक पूनिया को सात लाख रुपये का चेक सौंपा गया जबकि कांस्य पदक जीतने वाले बजरंग, महिला पहलवान विनेश फोगाट, राहुल अवारे और रवि दहिया को चार-चार लाख रुपये दिए गए।
विश्व चैंपियनशिप में रजत पदक जीतने वाले दीपक दूसरे भारतीय पुरुष पहलवान हैं। उनसे पहले बजरंग ने चांदी जीती हुई हैं। रिजिजू ने कहा, 'मुझे भारतीय कुश्ती टीम के ऐतिहासिक प्रदर्शन पर बेहद गर्व हैं जिन्होंने पांच पदक और चार ओलंपिक कोटा हासिल किए। यह समारोह और पुरस्कार उन्हें बधाई देने और देश को उन्होंने जो सम्मान दिया उसकी सराहना करने का तरीका है। सरकार हरसंभव मदद मुहैया कराएगी जिससे कि ओलंपिक की तैयारी में कोई कमी नहीं रहे।'