एशियन गेम्स 2018: खिलाड़ियों में नाराजगी, रहने के लिए मिले छोटे कमरे
एशियन गेम्स के लिए सारे भारतीय एथलीट वहां पहुंच चुके हैं।
पालेमबैंग, प्रेट्र। एशियन गेम्स 2018 में हिस्सा लेने के लिए सभी देशों के एथलीट वहां पहुंच चुके हैं। इन एथलिटों ने एशियन गेम्स विलेज में मिल रहे खाने की तारीफ की है लेकिन उन्हें रहने के लिए जो कमरे मिले हैं उसके बारे में उनकी राय अच्छी नहीं है। भारतीय खिलाड़ियों का कहना है कि उन्हें रहने के लिए जो कमरे दिए गए हैं वो काफी छोटे हैं। हर कमरे में तीन बेड लगे हैं और इसमें एक ही टॉयलेट है। अगर ये कमरे थोड़े बड़े होते तो ज्यादा अच्छा होता। इन कमरों में थोड़ी घुटन महसूस होती है लेकिन ठीक है क्योंकि सभी एथलीटों को इसी तरह के कमरे उपलब्ध कराए गए हैं।
जापान की महिला टेनिस टीम की कप्तान व कोच फुरुशो डायजीरो का कहना है कि अगर हमें रहने के लिए बड़ा कमरा दिया जाता तो ये अच्छा होता। सचमुच ये कमरे काफी छोटे हैं लेकिन ठीक है। ये खेल हर किसी के लिए है। एशियन गेम्स और ओलंपिक जैसे खेल का हिस्सा बनना ही अपने आप में काफी खास है। यहां जो खाना परोसा जा रहा है वो मुझे काफी पसंद है। खाने में इंडोनेशिया और दुनिया के कई देशों का गहरा असर दिख रहा है। डायजीरो ने भारत की नंबर एक महिला टेनिस खिलाड़ी अंकिता रैना के बारे में कहा कि उन्होंने हाल में अपने खेल में काफी प्रगति की है।
एक अन्य भारतीय एथलीट ने कहा कि एक खिलाड़ी के तौर पर आपको हर तरह के खाने की आदत डालनी चाहिए लेकिन ये सबसे अच्छा है कि यहां पर भारतीय खाने का विकल्प मौजूद है। कभी-कभी आप सिर्फ खाना चाहते हैं और यहां का खाने में शिकायत करने जैसी कोई बात नहीं है। हां कमरे थोड़े छोटे जरूर हैं लेकिन ये कोई बहुत बड़ा विषय नहीं है। सबने यहां खुद को एडजस्ट कर लिया है और हमने भी यहां की परिस्थिति से सामंजस्य बिठा लिया है। भारतीय शुटर्स, रॉवर्स साथ में टेनिस खिलाड़ी सभी पालेमबैंग गेम्स विलेज में ठहरे हैं। इससे भी बड़ा गेम्स विलेज जाकर्ता में है। ऐसा पहली बार हो रहा है जब चार वर्ष में होने वाले इस इवेंट को दो शहरों द्वारा होस्ट किया जा रहा है। इंडोनेशिया एशियन गेम्स आयोजन समिति के प्रमुश एरिक थोहिर का कहना है कि दो जगहों पर किसी भी आयोजन को करना एक चुनौती है लेकिन ये हमारे लिए अच्छा है और ये दोनों जगहों की अर्थव्यवस्था को और लाभान्वित करेगा।