एशियन गेम्स 2018: दुष्यंत के जज्बे को सलाम, दो ब्रैड और 1 सेव खाकर हासिल किया कांस्य
दुष्यंत ने कहा कि मैंने ऐसे खेला मानो यह मेरी जिंदगी की आखिरी रेस हो।
नई दिल्ली, जेएनएन। पुरुष लाइटवेट सिंगल्स स्कल्स में दुष्यंत ने भारत के लिए दिन की शुरुआत कांस्य पदक के साथ की। 2013 की राष्ट्रीय चैंपियनशिप में र्स्वश्रेष्ठ रोअर चुने गए दुष्यंत ने 7:18.76 के समय के साथ तीसरा स्थान हासिल किया। रुड़की में अभ्यास करने वाले दुष्यंत ने इंचियोन एशियन गेम्स में भी कांस्य पदक जीता था। मौजूदा आयोजन में शुक्रवार को मुकाबले के बाद दुष्यंत को स्ट्रेचर पर मेडिकल सेंटर ले जाना पड़ा। वह इतना थक गए थे कि पदक समारोह में वह ठीक से खड़े भी नहीं हो पा रहे थे।
दुष्यंत ने कहा कि मैंने ऐसे खेला मानो यह मेरी जिंदगी की आखिरी रेस हो। यही मेरे दिमाग में था। शायद मैंने कुछ ज्यादा ही मेहनत कर ली। मुझे सर्दी-जुकाम हुआ था जिससे रेस पर भी असर पड़ा। मैंने बस दो ब्रेड और सेब खाया था। मौसम भी बेहद गर्म था। इसलिए मेरे शरीर में पानी की कमी हो गई थी।
डबल्स स्कल्स में भी कांस्य
वहीं, पुरुष लाइट वेट डबल्स में भगवान सिंह और रोहित कुमार ने भारत के लिए कांस्य पदक जीता। वहीं, रोहित और भगवान की जोड़ी ने 7:04.61 के समय के साथ कांस्य पर कब्जा जमाया। भगवान एक ट्रक ड्राइवर के बेटे हैं जिन्होंने आर्थिक तंगी की वजह से दूसरे वर्ष में मीडिया की पढ़ाई छोड़ दी थी और इंडियन आर्मी से जुड़ गए थे।
रोइंग में भी भारत का शानदार प्रदर्शन
भारतीय खिलाड़ियों ने रोइंग मुकाबले में बेहतरीन प्रदर्शन कर गोल्ड और दो ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किए हैं। भारतीय रोइंग टीम ने (नौकायन) पुरुषों की 'क्वाडरपल स्कल्स स्पर्धा' में गोल्ड मेडल जीता। स्वर्ण सिंह, दत्तु भोकनल, ओम प्रकाश और सुखमीत की टीम ने भारत को रोइंग में गोल्ड मेडल दिलाया। वहीं भगवान सिंह और रोहित ने लाइटवेट डबल स्कल्स में यह ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है।