Arati Saha Birth Anniversay: 'हिंदुस्तानी जलपरी' ने 12 साल की उम्र में ओलंपिक में लिया था हिस्सा
दिग्गज भारतीय महिला तैराक आरती साहा की आज 80वीं जयंती है। उन्होंने 1959 में इंग्लिश चैनल तैरकर पार किया था। ऐसा करने वालीं वह पहली एशियाई महिला थीं। उन्होंने ने महज 12 साल की उम्र में 1952 के ओलंपिक में भाग लिया था।
नई दिल्ली, जेएनएन। दिग्गज भारतीय महिला तैराक आरती साहा की आज 80वीं जयंती है। उन्होंने 1959 में इंग्लिश चैनल तैरकर पार किया था। ऐसा करने वालीं वह पहली एशियाई महिला थीं। उन्होंने इस दौरान 67.5 किलोमीटर की दूरी महज 16 घंटे और 20 मिनट में तय की थी। साहा ने महज 12 साल की उम्र में 1952 के ओलंपिक में भाग लिया। यह ओलंपिक फिनलैंड की राजधानी हेलसिंकी में हुआ था। साहा के भारतीय टीम में चार और महिलाएं थीं। 18 साल की उम्र में उन्होंने इंग्लिश चैनल पार करने कोशिश की। एक बार असफल रहने के बाद उन्होंने इसे पार किया।
24 सितंबर 1940 को कोलकाता में जन्मीं आरती को 1960 में देश के चौथे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया था। वह इस सम्मान से नवाजी जाने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी रहीं। 23 अगस्त 1994 को कोलकाता में उनका निधन हो गया था। गूगल ने आरती शाहा की जयंती पर डूडल बनाकर याद किया है। उन्हें 'हिंदुस्तानी जलपरी' के नाम से भी जाना जाता है। गूगल ने अपने डूडल में इंग्लिश चैनल में आरती का ग्राफिक बनाया है। वह इसमें तैरते नजर आ रही हैं।
इसमें उनके फोटो को कंपास साथ चित्रित किया। इस फोटो को कोलकाता के कलाकार लावण्या नायडू ने बनाया था। एक इंटरव्यू में नायडू ने कहा कि आरती कोलकाता का प्रसिद्ध नाम हैं। उन्होंने यह भी कहा कि देश के इतिहास में जब भी किसी क्षेत्र में महिलाओं के उत्कृष्ट कार्य को याद किया जाएगा तो आराती साहा का नाम जरूर लिया जाएगा।
आरती ने साल 1945 से 1951 के बीच पश्चिम बंगाल में 22 राज्य स्तरीय प्रतियोगिताओं में जीत दर्ज की। वह 100 मीटर फ्रीस्टाइल, 100 मीटर ब्रेस्ट स्ट्रोक और 200 मीटर ब्रेस्ट स्ट्रोक के कंप्टीशन में हिस्सा लेती थी। 1948 में उन्होंने मुंबई में आयोजित राष्ट्रिय चैंपियशिप में हिस्सा लिया और 100 मीटर फ्रीस्टाइल और 200 मीटर ब्रेस्ट स्ट्रोक में सिल्वर मेडल व 200 मीटर फ्रीस्टाइल में ब्रांज जीता।