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शानदार रहा लंदन ओलंपिक, एथलेटिक्स सबसे खास

लंदन ंओलंपिक में ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धाओं की इससे बेहतर समाप्ति नहीं हो सकती थी। ब्रिटेन के एथलीट मुहम्मद फराह 10000 मीटर दौड़ में अपनी बादशाहत साबित करने के बाद 5000 मीटर के भी शहंशाह साबित हुए। उनसे पहले लेसी वीरेन ने 1972 और 1976 में यह कारनामा अंजाम दिया था।

By Edited By: Published: Sun, 12 Aug 2012 08:38 PM (IST)Updated: Mon, 13 Aug 2012 07:45 AM (IST)
शानदार रहा लंदन ओलंपिक, एथलेटिक्स सबसे खास

[स्टीव ओवेट की कलम से]

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लंदन ंओलंपिक में ट्रैक एंड फील्ड स्पर्धाओं की इससे बेहतर समाप्ति नहीं हो सकती थी। ब्रिटेन के एथलीट मुहम्मद फराह 10000 मीटर दौड़ में अपनी बादशाहत साबित करने के बाद 5000 मीटर के भी शहंशाह साबित हुए। उनसे पहले लेसी वीरेन ने 1972 और 1976 में यह कारनामा अंजाम दिया था।

इसके अलावा बोल्ट की अगुआई वाली जमैका टीम ने चार गुणा सौ मीटर रिले में शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने विश्व रिकॉर्ड सहित स्प्रिंट रिले जीतकर 4 गुणा 400 मीटर रिले में अपने देश की महिलाओं का अमेरिका से हारने का बदला ले लिया। अभी कुछ दिनों पहले हमने पुरुषों की 800 मी. में डेविड रुदिशा की बेहतरीन दौड़ देखी थी, जिन्होंने एथलेटिक्स में एकमात्र व्यक्तिगत विश्व रिकॉर्ड बनाया। 5000 मीटर में फराह ने अच्छी रणनीति अपनाई और दौड़ में ज्यादातर समय अपना दबदबा बनाए रखा। इसी वजह से वह सरलमति इथोपियाई और केन्याई धावकों को लंदन ओलंपिक में दो बार हराने में असफल रहे। सामान्य लोग समझते हैं कि मध्यम और लंबी दूरी की दौड़ की ट्रेनिंग का मतलब केवल मीलों दौड़ना होता है, जिससे स्टेमिना और एंडुरेंस बढ़ाया जा सके। कम ही लोग जानते हैं कि बड़ी प्रतियोगिताओं में मानसिक सजगता दौड़ के परिणाम में कितना असर डालती है।

मुझे लगता है कि इथोपियाई और केन्याई इस हार से सीख जरूर लेंगे। अफ्रीकी धावकों को अगर फराह को हराना है, तो उन्हें पहले लैप से ही तेजी दिखानी होगी। यह दौड़ बेहद धीमी शुरू हुई थी, तभी मैंने खुद से कहा था कि कोई वजह नहीं है कि फराह इसमें हार जाएं। दरअसल अफ्रीकी धावकों ने अपनी रणनीतिक सरलता की वजह से स्वर्ण फराह को भेंट कर दिया। लंदन ओलंपिक खेलों की अपनी उम्मीदों पर खरे उतरे हैं। यहां सुरक्षित, बिना बाधा के शानदार प्रदर्शन देखने को मिले हैं। मेरे लिए केवल एक प्रदर्शन को सर्वश्रेष्ठ बताना मुश्किल होगा। लेकिन मेरा दिमाग एक तरफ फेल्प्स की उपलब्धि को असाधारण बताता है, लेकिन साथ ही चीन की युवा तैराक शु वेई और अमेरिका की मिसी फ्रैंकलिन को भी कम नहीं आंकना चाहता। ट्रैक एंड फील्ड पर मेरी नजर में डेविड रुदिशा का प्रदर्शन नंबर एक पर रहा। उनके बाद मुहम्मद फराह, उसैन बोल्ट और महिलाओं में फेलिक्स का नंबर आता है, जिन्होंने 200 मी. में जमैका से अपनी पिछली दो हारों का बदला चुकता किया। 200 मीटर के स्वर्ण के अलावा उनके खाते में दोनों रिले के स्वर्ण भी आए। मैंने अभी से चार साल बाद रियो में होने वाले अगले ओलंपिक के बारे में सोचना शुरू कर दिया है। ओलंपिक भावना अमर रहे।

[टीसीएम]

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