जब मिले ओलंपिक खेलों के बायकाट की धमकी
यूं तो ओलंपिक खेलों में भाग लेना हर एथलीट का सपना होता है। लेकिन कई बार खिलाडि़यों के लिए उनके करियर में कड़े क्षण भी आते हैं जब उनके ख्वाब पर पानी जाता है। हालांकि इसके पीछे खिलाडि़यों के बजाए अन्य परिस्थितियां जिम्मेदार होती हैं। आयरलैंड ने 1936 में बर्लिन ओलंपिक खेलों का इसलिए बहिष्कार किया था कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति [आईओसी] ने आयरलैंड को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में ओलंपिक में भाग लेने पर मना कर दिया था।
यूं तो ओलंपिक खेलों में भाग लेना हर एथलीट का सपना होता है। लेकिन कई बार खिलाडि़यों के लिए उनके करियर में कड़े क्षण भी आते हैं जब उनके ख्वाब पर पानी जाता है। हालांकि इसके पीछे खिलाडि़यों के बजाए अन्य परिस्थितियां जिम्मेदार होती हैं। आयरलैंड ने 1936 में बर्लिन ओलंपिक खेलों का इसलिए बहिष्कार किया था कि अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति [आईओसी] ने आयरलैंड को स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में ओलंपिक में भाग लेने पर मना कर दिया था। इसके बाद 1956 में हुए मेलबर्न ओलंपिक खेलों से नीदरलैंड्स, स्पेन और स्विट्जरलैंड ने हंगरी में हुए विद्रोह में सोवियत संघ के अनुचित हस्तक्षेप के विरोध में मेलबर्न ओलंपिक में भाग नहीं लिया था। इसके अलावा स्वेज नहर विवाद के कारण मिस्र, कंबोडिया, इराक और लेबनान ने भी अपनी टीमें मेलबर्न नहीं भेजी। हालांकि स्टाकहोम में हुए घुड़सवारी प्रतियोगिता के लिए कंबोडिया, मिस्र, नीदरलैंड्स, स्पेन और स्विट्जरलैंड ने अपनी-अपनी टीमें भेजी थी। 1972 में ओलंपिक खेलों के बहिष्कार की धमकी के बाद 1976 में मांट्रियल में हुए ओलंपिक के लिए कुल 28 देशों ने बहिष्कार किया था। तंजानिया की अगुवाई में 22 अफ्रीकी देशों ने आईओसी के न्यूजीलैंड [राष्ट्रीय रग्बी यूनियन टीम ] पर प्रतिबंधित दक्षिण अफ्रीका का दौरा करने के कारण प्रतिबंध लगाने की मांग ठुकराने के विरोध में बहिष्कार किया था। हालांकि बहिष्कार से पूर्व इन देशों के कुछ एथलीटों ने अपने मुकाबले खेल लिए थे। आईओसी ने 1964 में दक्षिण अफ्रीका पर रंगभेद के कारण प्रतिबंध लगा दिया था। अफ्रीकी देश जैरे इस बार आर्थिक तंगी की वजह से ओलंपिक से बाहर रहा। जबकि राजनीतिक विवादों के चलते चीन और ताइवान ने भी खेलों का बहिष्कार किया था। शीत युद्ध के दौर में कई देशों ने 1980 और 1984 में ओलंपिक खेलों से अपने को दूर रखा। सोवियत संघ के अफगानिस्तान में लड़ाई करने के विरोध 65 देशों ने मास्को ओलंपिक का विरोध किया था। जवाब में सोवियत संघ और 14 देशों ने 1984 में हुए लास एंजिलिस ओलंपिक का बहिष्कार किया था। इरान और लीबिया ने भी राजनीतिक कारणों से इन खेलों का बहिष्कार किया। इरान एकमात्र ऐसा देश है जिसने 1980 और 1984 दोनों ओलंपिक खेलों में भाग नहीं लिया था। इसके बाद ओलंपिक खेल शांति से होते रहे लेकिन 2008 में बीजिंग में हुए ओलंपिक से पूर्व चीन के खराबमानवाधिकार रिकार्ड और विस्थापित तिब्बतियों ने चीनी समान का बहिष्कार करने का आह्वान किया था।
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