रूस के 17 में से 16 पहलवानों को ओलिंपिक के लिए हरी झंडी
रूस के 17 में से 16 पहलवानों को युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने रियो ओलिंपिक में खेलने की मंजूरी दे दी है।
कोर्सियर सर वेवे। रूस के 17 में से 16 पहलवानों को युनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (यूडब्ल्यूडब्ल्यू) ने रियो ओलिंपिक में खेलने की मंजूरी दे दी है। फ्रीस्टाइल पहलवान विक्टर लेबेदेव को एक दशक पहले डोप टेस्ट में नाकाम रहने के कारण बाद हरी झंडी नहीं मिल सकी है।
यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने एक बयान में कहा, 'रियो ओलिंपिक के लिए क्वालीफाई करने वाले सभी रूसी पहलवानों का टेस्ट मॉस्को से बाहर वाडा की मान्यता प्राप्त लैब में हुआ था। मैक्लॉरेन रिपोर्ट में किसी पहलवान का नाम नहीं है। अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक समिति (आईओसी) के नियमों के तहत विक्टर लेबेदेव को मंजूरी नहीं मिली, जो 2006 में जूनियर विश्व चैंपियनशिप में डोप टेस्ट में नाकाम रहे थे।'
गौरतलब है कि वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी (वाडा) के लिए तैयार की गई मैक्लॉरेन की इसी महीने पेश रिपोर्ट में रूस में सरकार समर्थित डोपिंग सिस्टम का जिक्र किया गया था। जिसमें रूस के खेल मंत्रालय समेत तीस से ज्यादा खेलों में डोपिंग का जाल फैला होने के प्रमाण दिए गए थे।
खेल गांव में तोड़फोड़ का अंदेशा
रियो डी जेनेरियो। आयोजकों का कहना है कि ओलिंपिक खेल गांव में गैस लीक होने, शौचालयों के बंद होने और इलेक्ट्रिक फॉल्ट होने के पीछे असंतुष्ट कर्मचारियों का हाथ हो सकता है।
रियो के प्रवक्ता मारियो अंड्राडा ने कहा, 'हमें लग रहा है कि इसके पीछे अलग-अलग वजह हो सकती हैं, लेकिन तोड़फोड़ के बारे में हमारे पास कहने के लिए पर्याप्त तथ्य नहीं हैं।' उन्होंने कहा कि गड़बड़ियों के पीछे सबसे बड़ी वजह सांगठनिक समस्याएं हैं। 18000 एथलीटों और स्टॉफ के लिए 31 इमारतें शुक्रवार को पूरी तरह से तैयार हो जाएंगी। कुल 3600 कमरों में से चार सौ में कुछ कमियां रह गई हैं।'