पत्रकारों के सवाल पर बिफरे अभिनव बिंद्रा, बोल गए कुछ ऐसा....
रियो ओलंपिक की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में पदक से चूकने के बाद अभिनव बिंद्रा ने पत्रकारों के सवालों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि अब वह अपनी शूटिंग रेंज में सब्जी उगाएंगे।
रियो डि जेनेरियो (पीटीआई)। भारत के लिए ओलंपिक खेलों की व्यक्तिगत स्पर्धा में एकमात्र स्वर्ण पदक जीतने वाले निशानेबाज अभिनव बिंद्रा सोमवार को ब्राजील की मेजबानी में चल रहे रियो ओलंपिक की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में चौथे स्थान पर रहे और पदक से चूक गए।
करियर के आखिरी ओलंपिक में पदक के इतना नजदीक आकर चूकने के बाद बिंद्रा ने कहा कि मेरा निशानेबाजी करियर यहीं खत्म होता है, यहां तक कि शौकिया निशानेबाजी भी यहीं से खत्म होती है। 34 वर्षीय बिंद्रा ने कि वह अपने संन्यास की घोषणा पर कायम हैं।
स्पर्धा के एक घंटा बाद सहज हो चले बिंद्रा ने आराम से पत्रकारों से बातचीत की और उनके सवालों के जवाब दिए। बिंद्रा ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वह भविष्य में क्या करने वाले हैं, लेकिन निश्चित तौर पर निशानेबाजी का उनके आने वाले कल में कोई स्थान नहीं है, यहां तक कि शौकिया भी वह निशानेबाजी नहीं करने वाले। बिंद्रा ने कहा कि उन्होंने अपना सर्वश्रेष्ठ किया, लेकिन पदक नहीं जीत सके। अब अपनी शूटिंग रेंज का क्या करने के सवाल पर हमेशा गंभीर रहने वाले बिंद्रा ने आपा खो दिया। उन्होंने चिढ़ते हुए कहा कि रेंज पर अब सब्जी उगाऊंगा। इस पर जब उनसे पूछा गया कि क्या वह इस बारे में गंभीर हैं तो उन्होंने कहा, 'क्या मैं आपको गंभीर व्यक्ति नजर नहीं आता।'
इस पर बिंद्रा से पूछा गया कि क्या वह खुद को कुछ ज्यादा ही सख्त दिखाने की कोशिश कर रहे हैं तो उन्होंने कहा, 'और मैं कर भी क्या सकता हूं। आप मुझसे क्या चाहते हैं, क्या मैं रोना शुरू कर दूं? जी हां, मैंने ठीक-ठाक प्रदर्शन किया।' उन्होंने कहा कि 20 साल बाद पांच ओलंपिक और तीन ओलंपिक पदक के तो वह हकदार हैं ही।
उन्होंने अपने अगले कदम के बारे में तत्काल कुछ कहने से इन्कार कर दिया। उन्होंने कहा, 'यह अनुचित सवाल है। मैंने अभी अपना मैच खत्म किया है और आप चाहते हैं कि मैं आपको इस बात का जवाब दूं कि मैं भविष्य में अपने जीवन में क्या करने वाला हूं। मेरी अभी कोई योजना नहीं है।'
टूट गई थी बंदूक :
बिंद्रा ने बताया कि रियो ओलंपिक के लिए विशेष तौर पर तैयार करवाई गई उनकी बंदूक फाइनल स्पर्धा वाले दिन सुबह गिरकर टूट गई थी, जिसके कारण उन्हें वैकल्पिक बंदूक से काम चलाना पड़ा। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि इससे कोई फर्क पड़ा।
अभिनव बिंद्रा के तकनीकी ट्रेनर हेंज रेंकेमियर ने कहा कि 'शायद यह सिर्फ भारत में ही होता है। आप खिलाडि़यों को भेजते हैं, जिन्हें यूरोप या चीन जैसा अभ्यास नहीं मिलता है और आप पूछते रहते हो कि आपको स्वर्ण पदक क्यों नहीं मिला। यह समझने की कोशिश कीजिए कि अच्छे प्रदर्शन की अपनी अहमियत होती है। मेरे लिए यह प्रदर्शन काफी अच्छा था। अगर हम तुलना करें तो वह शायद पदक से दो या तीन 10 अंक के शॉट से दूर थे। बीजिंग में भाग्य उनके ज्यादा साथ था। एथेंस में वह शानदार फॉर्म में थे, लेकिन भाग्य उनके साथ नहीं था, लेकिन हम दोनों संतुष्ट हैं।'