घर लौटा फौजी, ग्रामीणों ने किया भव्य स्वागत
लाहसे पंचायत के ग्रामीणों ने सेना के जवान और उनके परिजनों को प
संवाद सूत्र, बीरमित्रपुर : लाहसे पंचायत के ग्रामीणों ने सेना के जवान और उनके परिजनों को प्रोत्साहित करने की नई परंपरा का श्रीगणेश किया है। भारतीय थल सेना में फौजी से वारंटी आफिसर तक विभिन्न पदों पर 30 साल तक सेवा कर गांव वापस लौटे एक जवान का भव्य स्वागत किया गया। इस मौके पर आसपास के गांवों से भी बड़ी संख्या में लोगों ने एकत्र होकर अपनी प्रसन्नता का प्रदर्शन किया।
लाहसे पंचायत के छेंडीबहाल गांव निवासी गोपीनाथ राय पुत्र मदनमोहन राय ने 25 जुलाई 1988 को भारतीय सेना में एक फौजी के रूप में अपनी सेवा शुरू की थी। विभिन्न पदों पर रहते हुए ओडिशा के मलकानगिरी व झारखंड के सारंडा जंगल में नक्सली दमन अभियान का हिस्सा बने। इसके अलावा मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड एवं जम्मू कश्मीर समेत अन्य क्षेत्रों में देश की रक्षा का मोर्चा संभाला। तीस साल तक सेना को अपनी सेवा देने के बाद वह 30 जुलाई को सेवानिवृत होकर बुधवार की शाम गांव वापस लौट आए। लाहसे स्थित जगन्नाथ मंदिर चौक पर उनका स्वागत करने के लिए बड़ी संख्या में ग्रामीण पहले से ही तैयार थे। ग्रामीणों ने परंपरागत आदिवासी तरीके से फूल माला पहनाकर उनका स्वागत किया गया। इसमें मझापाड़ा, केसरापाड़ा, कुदाबेड़ा, पटुआबहाल आदि क्षेत्रों से बड़ी संख्या में शामिल थे। इस मौके पर बीरमित्रपुर थाना के कर्मचारी भी मौके पर मौजूद थे, उन्होंने भी गोपीनाथ राय का अभिनंदन किया। गांव के फौजी की घर वापसी पर ग्रामीणों में खुशी देखते ही बन रही थी। इस क्रम में देर रात तक गांव में नाच-गान और भोजभात का दौर चलता रहा। इस तरह सेना में कार्यरत जवानों एवं उनके परिवार वालों को प्रोत्साहित करने के लिए इस इलाके में एक नई तरह की परंपरा की शुरुआत की गई।